मुंबई के पवई इलाके के रा स्टूडियो में गुरुवार को 17 बच्चों समेत 19 लोगों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्या का नाम पहले भी विवादों में रहा है।
महाराष्ट्र शिक्षा विभाग से फंड विवाद, निजी फीस वसूली का मामला और शिक्षा मंत्री से चेक विवाद के साथ ही वह इसी साल पुणे के कोथरुड इलाके में एक किराए के विवाद में फंसा था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2024 में रोहित की पत्नी अंजलि आर्या के नाम पर शिवतीर्थ नगर के एक फ्लैट के लिए 36 महीने का किरायानामा साइन हुआ था।
मकान मालिक देशपांडे ने बाद में बताया कि पड़ोसियों की शिकायतों के चलते उन्होंने आर्या दंपती को एक महीने में घर खाली करने का नोटिस भेजा।
रोहित ने न तो घर खाली किया और न ही किराया दिया। 2 मार्च 2025 को मालिक ने उन्हें कानूनी नोटिस भेजी, लेकिन रोहित ने उल्टा 2 लाख रुपए मुआवजे की मांग कर डाली।
रोहित आर्या ने 30 अक्टूबर 2025 को मुंबई के पवई स्थित रा स्टूडियो में 17 बच्चों समेत 19 लोगों को बंधक बना लिया था। वह खुद को एक मीडिया कंपनी का मालिक बताता था और बच्चों को फिल्म ऑडिशन के बहाने बुलाया था।
रोहित को क्विक रिस्पॉन्स टीम के 8 कमांडो ने 35 मिनट में बच्चों सहित सभी लोगों का छुड़ा लिया गया था। एनकाउंटर में रोहित मारा गया था। आर्या का अंतिम संस्कार शनिवार सुबह पुणे में किया गया। अंतिम संस्कार में पत्नी, बेटे और परिजन मौजूद रहे।
“मैं रोहित आर्या हूं। सुसाइड करने के बजाय मैंने एक योजना बनाई है और कुछ बच्चों को यहां बंधक बनाकर रखा है। मेरी ज्यादा मांगें नहीं हैं। मेरी बहुत ही साधारण मांगें हैं, नैतिक मांगें हैं और कुछ सवाल हैं। मैं कुछ लोगों से बात करना चाहता हूं, उनसे सवाल पूछना चाहता हूं और अगर उनके जवाबों के जवाब में मेरे पास कोई सवाल हो, तो मैं उनसे भी पूछना चाहता हूं, लेकिन मुझे ये जवाब चाहिए।
“मुझे और कुछ नहीं चाहिए। मैं कोई आतंकवादी नहीं हूं, न ही मैं बहुत ज्यादा पैसे की मांग करता हूं, और मैं कोई अनैतिक मांग नहीं कर रहा हूं। मैंने एक प्लान के तहत बच्चों को बंधक बनाया है। अगर मुझे थोड़ा भी उकसाया गया तो मैं इस जगह (स्टूडियो) को आग लगा दूंगा। मैंने आत्महत्या का कदम उठाने के बजाय यह प्लान बनाया था। मुझे उकसाया न जाए, नहीं तो मैं बच्चों को नुकसान पहुंचाने वाला कदम उठा लूंगा।”

