Faridabad/Atulya Loktantra : सेंट पॉल्स कॉलेज, नीमका, फरीदाबाद, हिन्दी विभाग की सहायक प्रवक्ता सुमन भाटी ने पावन भूमि अयोध्या में प्रभु श्रीराम की कृपा से एक छोटा सा कार्यक्रम साहित्य संचय फाउंडेशन दिल्ली के द्वारा अयोध्या शोध संस्थान (संस्कृति विभाग )के सहयोग से आयोजन किया ।जिसमें भारत के ही नहीं बल्कि विदेशों से भी विद्वतजन पधारे तो ये आयोजन और भी विस्तृत हो गया। इस आयोजन में भारत के लगभग सभी राज्यो से आये प्रतिभागियों ने अपने व्याख्यान और शोध पत्र के माध्यम से रामकाव्य में वैश्विक जीवन मूल्यों के बारे में विचार प्रस्तुत किए.
इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक सम्पन्न करवाने का श्रेय अयोध्या शोध संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी रामतीरथ, मॉरीशस से पधारे धुनुकचन्द, हरियाणा से केवल कृष्ण रल्हान, भिवानी से डॉ नरेश सिहाग, चंडीगढ़ से डॉ विनोद कुमार, डॉ संगम वर्मा, अयोध्या से मृगेन्द्र राज (आज का अभिमन्यु), बेंगलुरु से डॉ रियाज, बस्ती से डॉ प्रदीप कुमार सिंह, चीका हरियाणा से माई मनीषा महंत का सानिध्य रहा। डॉ घनश्याम भारती, डॉ राजेश श्रीवास्तव भोपाल(रामायण केन्द्र), डॉ राजकुमार पांडेय, डॉ राजेन्द्र देशवाल, वीरेंद्र तिवारी, सुधीर औझा, श्रवण चिहार, मीनाक्षी शर्मा, योगेश शर्मा, रमेशकान्त लक्ष्यभेदी, अभय कुमार सहित समस्त शोध पत्र वाचन करने वाले प्रतिभागियों के सहयोग से किया।
पी.एच.डी. कत्थक नृत्य की शोधार्थी/कोरियोग्राफर श्रेया चित्रांशी ने सरस्वती वंदना और राम स्तुति पर कत्थक नृत्य से सभी का अभिवादन किया। इस संगोष्ठी में सभी राज्यों के 450-500 लोगों ने हिस्सा लिया। रामजन्मभूमि के फैसले के बाद यह प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी थी जो साहित्यिक राम और जन-जन के राम,विश्वव्यापी राम के स्वरूप में समाहित थी।