फरीदाबाद। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सह सचिव एवं जिला न्यायालय की मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्रीमती रितु यादव ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) ने घोषणा की हैं कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, माननीय न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई को NALSA के नए कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में मनोनीत करने की घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है।
यह मनोनयन भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 3 की उपधारा (2) के खंड (बी) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत किया गया है और यह 11 नवंबर 2024 से प्रभावी है। इस आशय की अधिसूचना भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा 08 नवंबर, 2024 को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित की गई थी।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश NALSA के पिछले कार्यकारी अध्यक्ष थे। परंपरा के अनुसार, इस पद पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश का अधिकार होता है।
नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में अपने नामांकन से पहले, माननीय न्यायमूर्ति बी.आर. गवई सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी (एससीएलएससी) के अध्यक्ष थे। कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में, माननीय न्यायमूर्ति बी.आर. गवई नालसा के मिशन का नेतृत्व करेंगे, जो सभी नागरिकों, विशेष रूप से समाज के हाशिए पर पड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों को सुलभ और मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करेगा। उनके नेतृत्व से नालसा की अनुच्छेद 39-ए के संवैधानिक जनादेश को बनाए रखने की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने की उम्मीद है, यह सुनिश्चित करते हुए कि वित्तीय या सामाजिक बाधाओं के कारण किसी भी नागरिक को न्याय से वंचित नहीं किया जाता है।