Faridabad : सूरजकुंड रोड स्थित श्री लक्ष्मी नारायण दिव्यधाम श्री सिद्धदाता आश्रम में दीपावली के अवसर पर 11000 मिट्टी के दीपक जलाए गए, वहीं पीठाधीश्वर स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने मां महालक्ष्मी का विशेष पूजन किया।
उन्होंने दिव्यधाम, पुराने दरबार, श्री गुरु महाराज की समाधि और प्राचीन धूने पर भी भोग लगाया। स्वामीजी ने बताया कि भगवान के अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में दिवाली का पर्व हर वर्ष धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस बार की दीवाली इस मायने में ज्यादा महत्वपूर्ण है कि श्री धाम अयोध्या जी में भगवान के जन्मस्थल पर निर्मित मंदिर में 500 वर्षों बाद दीवाली मनाई जा रही है। जिससे सनातन धर्म को और मजबूती प्राप्त हुई है।
उन्होंने बताया कि इस उपलक्ष्य में दिव्य धाम में भी 11000 मिट्टी के दीए जलाए गए हैं जिसमें गाय का देसी घी और तिल का तेल प्रयोग किया गया है। यह दिए लगाने में सैकड़ों भक्तों ने घंटों का श्रम दिया है। जिसके बाद दिव्य धाम परिसर बहुत ही अलौकिक नजर आता है। उन्होंने बताया कि दिवाली का पर्व हमारे जीवन में दिव्यता, संपूर्णता, संपन्नता, समृद्धि प्रदान करता है।
संपूर्ण दिव्यधाम एवं आश्रम परिसर को रंग बिरंगी इलेक्ट्रॉनिक लड़ियों एवं बल्बों के साथ भी सजाया गया जिसकी सजावट देखते ही बनती थी। यह सजावट का काम यहां पिछले 10 दिनों से जारी था।
रंग-बिरंगी रोशनी में दिव्यधाम बहुत ही अलौकिक नजर आ रहा था। यहां सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ जुटने लगी थी जो रात होते होते भारी भीड़ में तब्दील हो गई। भक्तों ने यहां पहुंचकर अपनी मनोकामनाएं मांगीं। इस समस्त आयोजन का लाइव प्रसारण देश-विदेश में बैठे हजारों भक्तों ने देखा।
आश्रम के बाहर भी भक्तों के लिए दीये जलाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। ऐसा माना जाता है कि यहां पर मांगी गई मनोकामना जल्द ही पूर्ण होती है।