पलवल ब्यूरो / पुलिस अधीक्षक पलवल चंद्र मोहन, आईपीएस ने सभी थानों और चौकियों में समझौता कराने वाले सक्रिय दलालों की सूची बनाने के निर्देश दिए है। निर्देश मिलते ही तुरंत सभी थाने एवं चौकी प्रभारी द्वारा सक्रिय दलालों की एक सूची तैयार की जा रही है। जो शिकायत एवं अपराध से जुड़े मामलों मे समझौता करवाने सहित अन्य मामलों में लेन-देन करते थे। एसपी महोदय द्वारा यह भी आदेश जारी किए गए है कि सुविधा शुल्क के लेनदेन के जरिया (दलालों) पर तुरंत प्रभाव से नकेल कसी जाए। पुलिस अधीक्षक का यह फैसला जिले की जनता के लिए बेहद सुखद और न्यायप्रिय परिणाम लेकर आएगा।
पुलिस अधीक्षक पलवल चंद्र मोहन ने बताया कि अक्सर थानों के बाहर भटकने वाले दलाल शिकायतकर्ता से संपर्क करते हैं उसकी शिकायत पर तुरंत प्रभाव से काम करवाने का भरोसा देते हैं और पुलिस के नाम पर मोटी राशि वसूल करते हैं इससे जहां पुलिस की छवि खराब होती है वहीं भ्रष्टाचार को भी बढावा मिलता है। इसके साथ ही पीड़ित को इंसाफ मिलने की संभावनाएं जहां कम होती हैं, वहीं गलत आदमी द्वारा पैसे के प्रभाव से कानून को बदनाम करने की संभावना बढ जाती हैं। दलालों की थानों में सक्रीयता से कानून किस तरह से प्रभावित होता है और पीड़ित के साथ कैसे नाइंसाफी होती है, इस बात को बेहद बारीकी से समझते हुए जिले के सभी थाना एवं चौकी प्रभारी को ऐसे लोगों के नाम-पता सहित सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं जो अनावश्यक थाना-चौकियों में घूमते है तथा शिकायतकर्ता या आरोपी पक्ष से संपर्क साध कर पुलिस के नाम पर पैसा ऐंठते है। सभी को स्पष्ट आदेश दिए गए है कि अगर इन लोगों द्वारा पुलिस के नाम पर किसी भी प्रकार के लेनदेन की सूचना मिले तो तुरंत प्रभाव से इनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए।
पुलिस के प्रति बढेगा विश्वास, सही होगा न्याय-
एसपी श्री चंद्र मोहन ने बताया कि दलालों की सक्रियता पर नकेल कसने के पीछे का उद्देश्य लोगों में पुलिस प्रशासन के प्रति विश्वास पैदा करने के साथ ही शिकायतकर्ताओं को सही और न्यायोचित समय में उचित न्याय दिलवाना है। एसपी ने कहा कि यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा कि पुलिस महकमें के कर्मचारी सुविधा शुल्क के नाम पर किसी पीड़ित के साथ अन्याय करें, किसी निर्दोष को झूठे मामले में फंसाएं और कानून के रखवाले होते हुए भी कानून का मजाक बनाएं। उन्होंने कहा कि दलाल पुलिस कार्यप्रणाली में दखल देने और उसे प्रभावित करने का प्रयास करते हैं लेकिन यदि विभाग के कर्मचारी और अधिकारी अपने विवेक से काम करें तब दलालों पर न केवल अंकुश लगाया जा सकता है बल्कि उन्हें थानों से दूर भी रखा जा सकता है। एसपी ने सख्त आदेश दिए हैं कि यदि दलाल अब थानों के पास भी दिखाई दिए तब उनके खिलाफ ऐसी सख्त कार्यवाही की जाएगी कि उन्हें खुद को कानूनी चंगुल से छुडवाना मुश्किल हो जाएगा।