Palwal / राजकीय उच्च विद्यालय में शिक्षक दिवस मनाया गया। जिसकी अध्यक्षता स्कूल के मुखिया नवल किशोर ने की। मंच का संचालन मुकेश तेवतिया ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत विद्या की देवी मां सरस्वती व डॉक्टर सर्वपल्ली राधा कृष्ण जी की चित्रवेदी के समक्ष दीप जलाकर की गई। उनका जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के त्रुतणी गांव में हुआ उन्होंने हाई स्कूल की परीक्षा पास की और दर्शनशास्त्र में एमo एo किया जिससे उनके जीवन की दिशा तय की महज 21 साल की उम्र में उन्होंने मद्रास प्रेसीडेंसी कॉलेज में दर्शनशास्त्र विभाग में जूनियर लेक्चरर के रूप में पढ़ाना शुरू किया।
डॉक्टर राधाकृष्णन 1949 से 1952 तक सोवियत संघ में भारत के राजदूत रहे। वह 1952 से 1962 तक भारत के पहले उपराष्ट्रपति रहे। 1962 से 1967 तक भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने और 13 में 1967 तक इस पद पर रहे। भारत में उनका जन्मदिन 5 सितंबर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है ताकि शिक्षकों के महत्वपूर्ण योगदान को सराय जा सके उन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष से भी अधिक समय एक शिक्षक के रूप में गुजरा और जब राष्ट्रपति बनने के बाद छात्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की इच्छा प्रकट की तो उन्होंने कहा था कि मेरा जन्मदिन शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया तो अच्छा लगेगा। राधाकृष्णन का पूरा जीवनी प्रेरणा देता है उनके विचार हमें जीवन जीने की एक नई राह दिखाते हैं किताबें पढ़ने से हमें एकांत में विचार करने की आदत और सच्ची खुशी मिलती है सच्चे शिक्षक हुए हैं जो हमें अपने लिए सोचने में मदद करते हैं शिक्षा का में सही और गलत के बीच अंतर सीखना है अध्यापक शिक्षण प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण अंग है शिक्षक की क्रिया और व्यवहार का प्रभाव मनुष्य के विद्यार्थी विद्यालय और समाज पर पड़ता है इसलिए अध्यापक राष्ट्र का निर्माता होता है एक कुशल अध्यापक में विषय का पूर्ण ज्ञान होना की आवश्यक है अच्छे अध्यापक का एक महत्वपूर्ण गुण वह समय पर विद्यालय में आए प्रार्थना सभा में उपस्थित हो तथा अपना पीरियड समय पर जाए और पीरियड खत्म होने पर ही अपनी कक्षा छोड़ें ।
इस कार्यक्रम में मोनिका शर्मा, विनोद कुमार, गुरमेल सिंह, ओमवती, मुकेश कुमारी, पूनम रानी, पूनम रानी टीजीटी इंग्लिश तथा सीमा रानी प्रीति रानी, ललिता, दीप्ति, राजबाला, सुदेश कुमारी रावत, राजेश कुमार, कविता, योगिता, अनुपमा, जेबीटी अध्यापक ने अपने विचार रखे।
कार्यक्रम के अंत में सभी अध्यापकों को प्रशंसनीय पत्र व पेन और जुट का बैग देकर के सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में जिन्होंने सहयोग किया सुमित रहेजा, दिनेश कुमार, ताराचंद, टीना तलवार, निशा रानी व स्कूल के सभी छात्र उपस्थित रहे।

