— चितरंजन सिंह
वरिष्ठ पत्रकार
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के दिन प्रति वर्ष बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। देश की राजधानी में विशेष रूप से कई दिनों पूर्व तैयारी शुरू हो जाती हैं। वहीं भारत के हर प्रदेश की राजधानी, जिले, तहसील, ब्लॉक, सहित हर शहर व गांव में गणतंत्र दिवस को सफल बनाने की भरकस कोशिश की जाती है। इस दिन भारत की गगन चुम्बी सफलता प्रदर्शित होती है वहीं विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट लोगों को सम्मानित किया जाता है। इस दिन यानि 26 जनवरी 1950 को देश में संविधान लागू हुआ था। तभी से गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
उल्लेखनीय है कि भारत का संविधान बनाने के लिए संविधान सभा का गठन किया गया। सभा में 389 सदस्य थे।प्रथम बैठक 9 दिसम्बर 1946 को हुई। सभा के स्थाई अध्यक्ष डा.राजेन्द्र प्रसाद थे। सभा ने 22 समितियों का गठन किया गया था। इस में एक समिति के अध्यक्ष डा.भीमराव अम्बेडकर थे। इस 7 सदस्यीय समिति का नाम प्रारूप समिति था। संविधान निर्माण हेतु कई देशों के संविधानों पर विशेषज्ञों व बुद्धि जीवियों तथा विधि ज्ञाताओं से विचार विमर्श किये जा रहे थे।लेकिन बीच में भारत पकिस्तान का बंटवारा हो गया। फिर संविधान सभा में 299 सदस्य रह गए। 26 नवम्बर 1949 को संविधान का कार्य पूरा किया गया।संविधान निर्माण में 2 वर्ष, 11 महीने, 18 दिन लगे। किसी भी देश के लिए नियम व कानून होते हैं उन्हीं नियम व कानून के दस्तावेज का नाम संविधान है।
संविधान पुस्तक को लिखने वाले शक्स तथा चित्र बनाने वाले चित्रकार के बारे में कितने लोगों को जानकारी है?
वह कलमकार हैं प्रेम बिहारी नारायण रायजादा और चित्रकार हैं नन्द लाल बोस एवं उनके छात्र।
विशेष बात यह है कि संविधान लिखने की प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने कोई पैसा नहीं लिया था। तथा फ्री में लेखन कार्य किया था।लेकिन पुस्तक के प्रत्येक पन्ने पर अपना नाम और अंतिम पन्ने पर अपने गुरु व दादा मास्टर राम प्रसाद सक्सेना का नाम अकिंत करने की प्रेम बिहारी ने अपनी इच्छा प्रकट संविधान सभा के समाने रखी थी। संविधान समिति ने उनकी बात पर सहमति दर्ज की। उसके बाद पुस्तक लिखने की कार्य प्रेम बिहारी ने शुरू किया। समय काल की बात करें तो उनके द्वारा संविधान लिखने में 6 महीने लगे। इसके लिए पैन की कुल 432 निब उपयोग में लाई गई। यह अंग्रेजी भाषा में हस्तलिखित है। इसमें 233 पन्ने हैं और वजन 13 किलो ग्राम है।यह बर्मिघम, इंग्लैंड के कागज पार्चमेंट पर लिखी गई।
संविधान पुस्तक का हिन्दी संस्करण
बाद में संविधान पुस्तक अंग्रेजी का हिंदी अनुवाद वसंत कृष्णन वैद्य द्वारा किया गया। इसके लिए पूना के हैंडसेट कागज का उपयोग किया गया। हिन्दी भाषा की पुस्तक में 264 पन्ने हैं तथा इसका वजन 14 किलो ग्राम है।
संविधान पुस्तक में विभिन्न चित्र
अपने कई शिष्यों के साथ नंद लाल बोस ने संविधान प्रति के लिए चित्रकारी की। 22 चित्रों को बनाया गया तथा प्रति को सुरुचिपूर्ण ढंग से डिजाइन किया गया था। अन्दर के लिए चित्रों में अदभुत कलाकारी की है वहीं कवर व बैक पेज पर विशेष रूप से कार्य किया। चित्रों में कवर पेज पर अशोक चिन्ह व कमल के फूल। अन्य पन्नों पर राम, सीता और लक्ष्मण पुष्पक विमान से अयोध्या वापसी, उड़ते हनुमान जी, सिंधु घाटी सभ्यता जेबू बैल, श्री कृष्ण अर्जुन को गीता का ज्ञान देते हुए,राजा विक्रमादित्य,जैन तीर्थंकर महावीर, गौतम बुद्ध, अशोक सम्राट, गुरुकुल वैदिक काल, नटराज, प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय ,भगीरथ की तपस्या और गंगा अवतरण, महाराज शिवाजी व गुरु गोविंदसिंह, राजा भरत,आई एन ए के झन्डे को सल्यूट करते सुभाषचंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई व टीपू सुल्तान, अकबर सम्राट, 2 अन्दोलनों में महात्मा गॉंधी, हिमालय पर्वत,रेगिस्तान में ऊंट,भारतीय समुद्री जहाज,तथा
घोड़ा, शेर, हाथी और बैल के चित्र हैं।
संविधान भवन में प्रेम बिहारी को एक कमरा लेखन कार्य हेतु दिया। बाद में इस कमरे को संविधान क्लब के नाम से जाना गया।