logo logo
  • नेशनल न्यूज़
  • राज्य खबरें
    • हरियाणा
      • Faridabad
    • चंडीगढ़
    • Delhi
  • एजुकेशन
  • मनोरंजन
  • हेल्थ न्यूज़
  • टेक्नोलॉजी
  • Video News
    • Live – YouTube
  • More News
    • Online
      • विचार
      • E Paper
Reading: जरूरत है प्राकृतिक जल संसाधनों, पारंपरिक जल स्रोतों की रक्षा व वर्षा जल संचय की : ज्ञानेन्द्र रावत
Share
Notification
Atulya LoktantraAtulya Loktantra
Font ResizerAa
Search
  • नेशनल न्यूज़
  • राज्य खबरें
    • हरियाणा
    • चंडीगढ़
    • Delhi
  • एजुकेशन
  • मनोरंजन
  • हेल्थ न्यूज़
  • टेक्नोलॉजी
  • Video News
    • Live – YouTube
  • More News
    • Online
Follow US
  • About
  • Contact
  • Advertise With Us
  • Privacy policy
  • Disclaimer
  • Fact-Checking Policy
Home » जरूरत है प्राकृतिक जल संसाधनों, पारंपरिक जल स्रोतों की रक्षा व वर्षा जल संचय की : ज्ञानेन्द्र रावत
विचार

जरूरत है प्राकृतिक जल संसाधनों, पारंपरिक जल स्रोतों की रक्षा व वर्षा जल संचय की : ज्ञानेन्द्र रावत

Deepak Sharma
Last updated: 30 October, 2025
By Deepak Sharma
7 Views
Share
18 Min Read
There is a need to protect natural water resources, traditional water sources and harvest rainwater: Gyanendra Rawat
There is a need to protect natural water resources, traditional water sources and harvest rainwater: Gyanendra Rawat
SHARE

बीती 29 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के प्रख्यात धार्मिक स्थल बटेश्वर में ग्रामीण पत्रकार सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस अवसर पर आगरा जिला ही नहीं, प्रदेश के प्रमुख ग्रामीण पत्रकारों ने भाग लिया। इस सम्मेलन में आगरा जिला पंचायत की अध्यक्ष डा० मंजू भदौरिया व ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव व समकालीन चौथी दुनिया के प्रधान संपादक प्रख्यात पत्रकार श्री प्रवीण चौहान मुख्य अतिथि व सिविल सोसाइटी आफ आगरा के सचिव श्री अनिल शर्मा, ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव डा० नरेश पाल सिंह, श्री संतोष शुक्ला, एस डी एम,बाह, जिला सूचना अधिकारी श्री शैलेन्द्र कुमार शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार श्री राजीव सक्सैना आदि ने विशिष्ठ अतिथि के रूप में सहभागिता की। सम्मेलन का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित कर व अतिथियों, आगंतुक पत्रकार बंधुओं तथा ताज क्लब के पदाधिकारियों का स्वागत ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री शंकर देव तिवारी, सम्मेलन के स्वागताध्यक्ष ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष श्री श्याम सुंदर पाराशर, जिलाध्यक्ष श्री विष्णु सिकरवार एवं महासचिव श्री मुकेश शर्मा द्वारा माल्यार्पण के साथ हुआ।

सम्मेलन में मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्षा डा० मंजू भदौरिया ने अपने संबोधन में जिले की जल समस्या पर सिलसिलेवार प्रकाश डाला। उन्होंने ग्रामीण पत्रकारों की समस्याओं पर हर संभव सहयोग का भरोसा दिया और उटंगन नदी पर जनता तथा सिविल सोसाइटी आफ आगरा की स्लूस गेट व बांध बनाये सम्बंधी बरसों पुरानी मांग को समय की आवश्यकता बताते हुए उसके समर्थन में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने ग्रामीण अंचल की समस्याओं को उठाने हेतु उपस्थित ग्रामीण पत्रकारों और उनके संगठन की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि रिहावली में उटंगन नदी पर बांध बनाये जाने के संदर्भ में मैं कोई कसर नहीं रखूंगी। इसके अलावा मुख्य अतिथि श्री प्रवीण चौहान ने अपने संबोधन में सम्मेलन में ग्रामीण पत्रकार बंधुओं की भारी तादाद में मौजूदगी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए एसोसिएशन के गठन से लेकर आजतक के संघर्ष और सफलताओं का वर्णन करते हुए कहा कि यह सब आप लोगों के कठिन श्रम और समर्पण का प्रतीक है। हम इसके विस्तार में आने वाली परेशानियों को दूर करने और भावी योजनाओं तथा संघर्ष को और तेज व जुझारू बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं। आपका सहयोग-समर्थन ही हमारी ताकत है और हमें आशा और विश्वास है कि हम अपने उद्देश्य में कामयाब होंगे। इस सम्मेलन की सफलता हमारे विश्वास की जीती-जागती मिसाल है। इस हेतु प्रदेश व जिला संगठन के सभी पदाधिकारी व सदस्य बधाई के पात्र हैं।

सम्मेलन के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार एवं पर्यावरणविद श्री ज्ञानेंद्र रावत ने अपने सम्बोधन में सम्मेलन में उपस्थित अतिथियों, सिविल सोसाइटी आफ आगरा के पदाधिकारियों एवं पत्रकार बंधुओं का वंदन-अभिनंदन करते हुए कहा कि बन्धुओ, मृत्युंजय महादेव बाबा की नगरी बटेश्वर में आयोजित ग्रामीण पत्रकार सम्मेलन में आकर मैं खुद को आज गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूं। मुझे इस अवसर पर जल संकट पर अपने विचार रखने का आदेश हुआ है।बन्धुओ पानी का संकट केवल हमारे देश का ही नहीं, समूची दुनिया का है। हकीकत में दुनिया में पेयजल की समस्या दिनों दिन विकराल होती चली जा रही है। दैनंदिन कार्यों की बात छोड़ दें, इसकी भयावहता का सबूत यह है कि दुनिया में आज लगभग 4.4 अरब लोग केवल पीने के साफ पानी से महरूम हैं। यह भीषण खतरे का संकेत है। स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट आफ एक्वाटिक साइन्स एण्ड टेक्नोलाजी के अध्ययन कर्ता एस्टर ग्रीनबुड की मानें तो यह स्थिति बेहद भयावह और अस्वीकार्य है कि दुनिया में इतनी बड़ी आबादी की पीने के साफ पानी तक पहुंच नहीं है। इन हालात को तत्काल बदले जाने की जरूरत है। विडम्बना यह है कि इसके बावजूद दुनिया की सरकारें पेयजल को बचाने और जल संचय के प्रति क्यों गंभीर नहीं हैं, यह समझ से परे है। जबकि संयुक्त राष्ट्र बरसों से चेतावनी दे रहा है कि जल संकट समूची दुनिया के लिए एक बहुत बड़ी समस्या बन जायेगा और अगर अभी से पानी की बढ़ती बर्बादी पर अंकुश नहीं लगाया गया तथा जल संरक्षण के उपाय नहीं किए गये तो हालात और खराब हो जायेंगे जिसकी भरपायी असंभव हो जायेगी। हम दावे भले कुछ भी करें असलियत में अब यह स्पष्ट है कि दुनिया अपने बुनियादी लक्ष्यों तक को पाने के मामले में बहुत पीछे है। यह अच्छे संकेत नहीं हैं। इन हालातों में 2015 में संयुक्त राष्ट्र का मानव कल्याण में सुधार के लिए सतत विकास लक्ष्य के तहत सभी के लिए 2030 तक सुरक्षित और किफायती पेयजल की आपूर्ति सपना ही रहेगा । संयुक्त राष्ट्र की मानें तो साफ पानी की पहुंच से दूर देशों के मामले में दक्षिण एशिया शीर्ष पर है जहां 1200 मिलियन लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं, वहीं उप सहारा अफ्रीकी देशों के 1000 मिलियन, दक्षिण पूर्व एशिया के 500 मिलियन और लैटिन अमेरिकी देशों के 400 मिलियन लोग आज भी साफ पानी से महरूम हैं। यह पानी के मामले में दुनिया की शर्मनाक स्थिति है। हकीकत यह है कि इन क्षेत्रों में पानी में दूषित पदार्थों की मौजूदगी सबसे बड़ी समस्या है। गौर करने वाली बात यह है कि आज हालत यह है कि लगभग 61 फीसदी आबादी एशिया में साफ पानी के संकट से जूझ रही है।

जहां तक भारत का सवाल है, यहां की 35 मिलियन से भी ज्यादा आबादी साफ पानी से दूर है। नीति आयोग ने तो यह तादाद 60 करोड़ से भी ज्यादा बतायी है। देश के दूरदराज के और ग्रामीण क्षेत्रों की बात तो दीगर है, देश की राजधानी दिल्ली के लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। हकीकत यह है कि राजधानी के नये इलाकों में ही नहीं, पुराने इलाकों में भी लोग पीने के पानी की भारी किल्लत से बेहाल हैं।
यह हालत तब है जबकि दिल्ली की भाजपा की रेखा गुप्ता सरकार दिल्ली वालों को पानी की समुचित आपूर्ति का दावा करते नहीं थकती। लेकिन फिर भी संकट बरकरार है। क्यों? इसका जबाव किसी के पास नहीं है। सबसे बड़ी बात यह कि दिल्ली वालों को जरूरत के मुताबिक जल बोर्ड द्वारा पानी न मिल पाने की स्थिति में वे सबमर्सिबल के जरिये बेतहाशा भूजल निकाल अपनी जरूरत पूरी करते हैं। फिर प्राइवेट संस्थान, छोटे -छोटे धंधे वाले, निजी अस्पताल , वर्कशाप, आटोमोबाइल सेंटर, वाहन धुलाई केंद्र और भवन निर्माण में भूजल का दोहन कीर्तिमान बनाये हुए हैं। यह स्थिति अकेले देश की राजधानी की ही नहीं कमोबेश पूरे देश की है। एक अनुमान के मुताबिक और दिल्ली जल बोर्ड द्वारा विधानसभा में पेश आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में तकरीबन 22,000 से ज्यादा अवैध सबमर्सिबल चल रहे हैं। ऐसे हालात में भूजल स्तर में कमी आयेगी ही।इस समस्या को देखते हुए एनजीटी कितने भी लुप्त हो चुके जल निकायों की बहाली के निर्देश दे लेकिन उस पर अमल करने की जिम्मेदारी जिनकी है, उनकी नाकामी इस समस्या को और बढ़ा रही है। यह पूरे देश में हो रहा है।

इसमें सरकारों को ही दोष देने से काम नहीं चलेगा, इस सबके लिए हम भी उतने ही दोषी हैं। इसके लिए हमारी जीवन शैली में आये बदलाव की अहम भूमिका है। समस्या की विकरालता की एक अहम वजह यह भी है। दूसरी वजह देश में अधिक अन्न उत्पादन की लालसा के पीछे रासायनिक खादों का बढ़ता उपयोग और उसके लिए साठ के दशक में डीजल पंपों के इस्तेमाल की बढ़ती प्रवृत्ति। जिसका दुष्परिणाम हमारी जमीन की उर्वरा शक्ति दिनोंदिन क्षीण होते जाने के रूप में और हमारे भूजल भंडार पर पड़ा। दिनोंदिन बंजर होती जमीन और भूजल भंडार का निरंतर नीचे चला जाना इसका जीता जागता सबूत है।

अब बात आगरा के जल संकट की आती है। आगरा के जल संकट का इतिहास काफी पुराना और गंभीर है। मेरे कहने का आशय मात्र आगरा शहर ही नहीं है, समूचा ग्रामीण अंचल इस समस्या से पीड़ित है। यहां के लोग दशकों से पीने के पानी के संकट का सामना कर रहे हैं। यहां का भूमिगत जल खारा है। जलस्तर भी यहां बराबर गिरता जा रहा है। प्रदूषण के चलते भूजल की गुणवत्ता भी लगातार प्रभावित हो रही है। इसमें कृषि कार्यों व घरेलू उपयोग हेतु भूजल पर अति निर्भरता भूजल के अति दोहन का प्रमुख कारण है। इसमें यमुना में भारी धातुओं और दूसरे प्रदूषक तत्वों की मौजूदगी की भी भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। भूजल में टी डी एस और क्लोराइड की मात्रा सीमा को पार कर गयी है। रसायनों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी और भूजल का स्वास्थ्य बिगड रहा है। इससे जहां कृषि प्रभावित होती है, वहीं पीने के पानी की समस्या और विकराल होती जा रही है। यहां मेरा यह कहना है कि हम अक्सर पुरातन परंपराओं, मान्यताओं और संस्कृति की दुहाई देते हैं, लेकिन क्या हम अपने जीवन में उन्हें अमल में लाते हैं। नदियों को हम मां मानते हैं जो हमारे जीवन की आधार हैं। उनके किनारे ही सभ्यता पनपी। लेकिन क्या उनकी हम रक्षा कर पाते हैं। जबकि जीवनदायिनी नदियों को हम खुद प्रदूषित करते हैं। सरकार दावा भले करे लेकिन हकीकत यह है कि वह चाहे पुण्यसलिला गंगा हो, यमुना हो या फिर कोई और नदी। आज हालत यह है कि कमोबेश देश की अधिकांश नदियां प्रदूषित हैं। अब तो मैदानी इलाकों की छोडिए, पर्वतीय राज्यों में भी नदियां प्रदूषित हैं। सीपीसीबी और सी एस ई के आंकड़े इस बात के प्रमाण हैं। देखा जाये तो देश की 271 नदियों में 296 जगहों पर उनका पानी प्रदूषित है। उसकी मानें तो देश की कमोबेश 465 नदियां प्रदूषित हैं। जहां तक सरकारों का सवाल है, सरकारें तो अपने हिसाब से काम करती हैं और वे करेंगीं भी। उनपर पूरी तरह निर्भर रहना ठीक नहीं। आपको भी आगे आना होगा। भाई राजेंद्र सिंह जी जिन्हें आप जलपुरुष के नाम से जानते हैं ने जोहड, चैकडैम के माध्यम से मृतप्राय स्थानीय नदियों को पुनर्जीवित किया, पद्मश्री राजा लक्ष्मण सिंह जी जिन्होंने राजस्थान में तालाबों, टांका प्रणाली से, बुन्देलखण्ड में पद्मश्री उमाशंकर पांडेय जी ने मेंड का पानी मेंड पर और खेत का पानी खेत में यानी मेडबंदी के माध्यम से और श्री पुष्पेन्द्र भाई ने अपना तालाब योजना के चलते किसानों द्वारा अपने खेतों में तकरीबन 65 हजार से अधिक तालाब बनाकर जलसंकट से निजात पाने में जो भूमिका निबाही है, वह एक मिसाल है। यह सत्य है कि हर क्षेत्र की स्थिति भिन्न होती है। लेकिन आप प्रयास तो कर ही सकते हैं। आप भी श्री राजेन्द्र भाई, श्री लक्ष्मण सिंह जी व श्री पुष्पेन्द्र भाई का अनुसरण कर सकते हैं। आप अपने खेत में तालाब बनायें जिससे जहां वर्षा जल संचित होगा, भूजल स्तर में बढोतरी होगी, आपकी पीने के पानी की परेशानी दूर होगी और सिंचाई के लिए आपको किसी पर निर्भर नहीं रहना होगा।

श्री रावत ने कहा कि अब रही बात उटंगन की, उटंगन के मामले में सिविल सोसाइटी आफ आगरा का प्रयास और आगरा जिला पंचायत की अध्यक्षा बहन डा० मंजू भदौरिया जी का सहयोग और समर्थन स्तुतियोग्य है। उन्होंने न केवल इस मुद्दे को उठाया है बल्कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से भेंटकर इसपर अमल किये जाने का अनुरोध किया है। मुझे मालूम हुआ है कि इस पर कार्यवाई का आदेश भी हुआ है। मुझे विश्वास है कि इस संबंध में जिलाधिकारी महोदय विशेष रूचि लेने और इसे अंतिम परिणिति तक पहुचाने में अपनी भूमिका का निर्वहन कर जिले की जनता की आशाओं को पूरा करने का दायित्व पूरा करेगे। इस समस्या का अंतिम समाधान यही है कि उटंगन नदी पर स्लूस गेट युक्त बांध बनाया जाये जिससे इस अंचल में कृषि के साथ-साथ पीने के पानी की दशकों पुरानी समस्या का स्थायी समाधान हो सके। यदि ऐसा हुआ तभी जनता राहत की सांस ले सकेगी।

मेरा मानना है कि जरूरत है विलुप्त हो चुके प्राकृतिक जल संसाधनों को पुनर्जीवित करने की और तालाब, पोखर समेत पारंपरिक जल स्रोतों को बचाने की। फिर सरकारी संस्थाओं, निजी प्रतिष्ठानों, आवासीय समितियों व नागरिकों द्वारा वर्षा जल संचयन के उपायों को अनिवार्य किए जाने और जल की बर्बादी पर अंकुश से जल संकट में काफी हद तक राहत मिल सकती है। इस हेतु जनजागरण बेहद जरूरी है।

यह जगजाहिर है कि जल का हमारे जीवन पर प्रत्यक्ष तथा परोक्ष रूप से प्रभाव पड़ता है। यह भी कि जल संकट से एक ओर कृषि उत्पादकता प्रभावित हो रही है, वहीं दूसरी ओर जैव विविधता, खाद्य सुरक्षा और मानव स्वास्थ्य पर भी खतरा बढ़ता जा रहा है। आखिरकार इस वैश्विक समस्या के लिए जिम्मेदार कौन है? जाहिर है इसके पीछे मानवीय गतिविधियां जिम्मेदार हैं जिसमें कहीं न कहीं उसके लोभ, स्वार्थ और भौतिकवादी जीवनशैली की अहम भूमिका है।। वैश्विक स्तर पर देखें तो अभी तक यह स्थिति थी कि दुनिया में दो अरब लोगों को यानी 26 फीसदी आबादी को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध नहीं था। पूरी दुनिया में 43.6 करोड़ और भारत में 13.38 करोड़ बच्चों के पास हर दिन की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त पानी नहीं है। फिर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के चलते हालात और खराब होने की आशंका है। दुनिया में वह शीर्ष 10 देश जहां के बच्चे पर्याप्त पानी से महरूम हैं, उसमें भारत शीर्ष पर है जिसके 13.38 फीसदी बच्चे पर्याप्त पानी से महरूम हैं। जल संकट के लिए दुनिया में अति संवेदनशील माने जाने वाले 37 देशों की सूची में भारत भी शामिल हैं। यह सबसे चिंतनीय है। यूनीसेफ की मानें तो 2050 तक भारत में मौजूद जल का 40 फीसदी हिस्सा खत्म हो चुका होगा। यही चिंता का विषय है कि तब क्या होगा ?
आज इस पत्रकार सम्मेलन में मौजूद पत्रकार भाइयों का हार्दिक वंदन, अभिनंदन और नमन। मेरी आप सभी से आशा है कि आप हिन्दी पत्रकारिता के जनक रहे भारतेन्दु हरिश्चंद, पत्रकारिता के शीर्ष पुरुष गणेश शंकर विद्यार्थी और माधवराव सप्रे बनो, चाटुकार पत्रकारिता का अनुसरण मत करो, निर्भीक बनो और समस्यओं को साहस के साथ प्रशासन और जनता के सामने उजागर करो। याद रखो इतिहास चाटुकारों का नहीं, हमेशा वीरों, निर्भीक और साहसी व्यक्तियों का होता है। आप अपने राष्ट्रीय नेतृत्व से प्रेरणा लें और उनका अनुसरण करें।इस आशा और विश्वास के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं और आपके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। जय भारत, जय जगत। भारत माता की जय।

Share This Article
Facebook Twitter Copy Link Print
ByDeepak Sharma
Follow:
इस न्यूज़ पोर्टल अतुल्यलोकतंत्र न्यूज़ .कॉम का आरम्भ 2015 में हुआ था। इसके मुख्य संपादक पत्रकार दीपक शर्मा हैं ,उन्होंने अपने समाचार पत्र अतुल्यलोकतंत्र को भी 2016 फ़रवरी में आरम्भ किया था। भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से इस नाम को मान्यता जनवरी 2016 में ही मिल गई थी ।
Previous Article Bengaluru: Couple crushes food delivery agent with car, resulting in his death. बेंगलुरु- कपल ने कार से फूड डिलीवरी एजेंट को कुचला,मौत
Next Article "Run for Unity" to be organised in Faridabad on the birth anniversary of Iron Man Sardar Vallabhbhai Patel: Moolchand Sharma लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर फरीदाबाद में होगा “रन फॉर यूनिटी” का आयोजन : मूलचंद शर्मा
Leave a Comment Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

vidyasagar international school
vidyasagar international school

Haryana News (हरियाणा न्यूज़)

He was promoted to co-chief of the BJP Law Department in Haryana state. After becoming the head, he said that he would demand a law to stop violence against lawyers.
भाजपा विधि विभाग मे पदोन्नति कर के बनाया सह प्रमुख हरियाणा प्रदेश,बनने पर कहाँ वकीलों पर हिंसा रोकने कि लिये कानून बनवाने की माँग करेंगे।
Faridabad
'Jo Bole So Nihal, Sat Sri Akal' Faridabad immersed in devotion and service on the occasion of Guru Nanak Dev's Prakash Parv
‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व पर भक्ति और सेवा में रंगा फरीदाबाद
Faridabad
लाडो लक्ष्मी योजना
दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना (DDLLY) — हरियाणा में महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता योजना
Helpline in India हरियाणा
In the coming years, Faridabad's identity will become even stronger on the national map: Krishan Pal Gurjar
आने वाले वर्षों में फरीदाबाद की पहचान राष्ट्रीय मानचित्र पर होगी और भी मजबूत : कृष्ण पाल गुर्जर
Faridabad
The words of 'Vande Mataram' contain the spirit of patriotism, courage and unity: Moolchand Sharma
वंदे मातरम’ के शब्दों में निहित है देशभक्ति, साहस और एकता की भावना : मूलचंद शर्मा
Faridabad

आज की खोज खबर (Search Top News)

Top Atulya loktantra News

Helpline Number of Electricity
बिजली विभाग हेल्पलाइन नंबर Helpline Number of Electricity in India
26.1k Views
Online Hindi To English Barakhadi | क से ज्ञ तक इंग्लिश में बाराखड़ी (PDF+Chart)
PDF+Chart Online Hindi To English Barakhadi-क से ज्ञ तक इंग्लिश में बाराखड़ी
21k Views
RSS chief Bhagwat said – dependence should not become a compulsion: Pahalgam attack revealed friends and enemies.
RSS प्रमुख भागवत बोले- निर्भरता मजबूरी न बने, पहलगाम हमले से दोस्त-दुश्मनों का पता चला
18.6k Views
Rules to be made for feeding dogs on government campuses
सरकारी कैम्पस में कुत्तों को खाना खिलाने के नियम बनेंगे
14k Views
Patanjali Dairy Product Cow Milk, Paneer Rate List
10k Views
Kharge said – RSS should be banned, this is what Sardar Patel did.
खड़गे बोले-RSS पर बैन लगे, सरदार पटेल ने यही किया
9.7k Views
Water proof mobile - वाटरप्रूफ मोबाइल फोन्स 2025
Water proof mobile – वाटरप्रूफ मोबाइल फोन्स 2025
8.7k Views
GTA Mobile Bullet - डाउनलोड कैसे करें मोबाइल पर, जानें यहां
GTA Mobile Bullet – डाउनलोड कैसे करें मोबाइल पर, जानें यहां
4.7k Views
English speaking people in the country will soon feel ashamed: Shah
राहुल गांधी का नया पता- लुटियंस जोन का सुनहरी बाग
2.5k Views
AIMA MAy MAT
AIMA MAT Result 2025: अखिल भारतीय प्रबंधन संघ आज जारी करेगा प्रबंधन एप्टीट्यूड टेस्ट 20के परिणाम, www.aima.in पर करें चेक
2.1k Views

India Top News (इंडिया न्यूज़)

Final publication of voter list of all wards of Municipal Corporation Faridabad today: District Election Officer
नगर निगम फरीदाबाद के सभी वार्डों की मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन आज : जिला निर्वाचन अधिकारी
22.6k Views
Sanjhi Khushi Carnival organized
सांझी खुशी कार्निवल का हुआ आयोजन
22.1k Views
Kashmiri Youth Exchange Programme: On the fifth day of the programme, Kashmiri youth visited historical and cultural industrial sites of Faridabad.
कश्मीरी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम : कार्यक्रम के पांचवे दिन कश्मीरी युवाओं ने फरीदाबाद के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक औद्योगिक स्थलों का दौरा किया
22k Views
Food Supply Minister Rajesh Nagar appeared strict regarding the working style of private builders, gave orders - solve the problems of the public.
निजी बिल्डर की कार्यशैली को लेकर सख्त नजर आए खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेश नागर, दिए आदेश- जनता की समस्या दूर करें
21.9k Views
Arya Samaj played an important role in the country's independence: Vipul Goyal
आर्य समाज की देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका : विपुल गोयल
21.8k Views

लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज़

The entire Himalayan region is facing an ecological crisis: Gyanendra Rawat
विचार

पारिस्थितिकी संकट से जूझ रहा समूचा हिमालयी क्षेत्र: ज्ञानेन्द्र रावत

2 months ago
विचार
April 22, Earth Day 2025: A step towards balance with nature--Rambabu Tiwari
विचार

22 अप्रैल, पृथ्वी दिवस 2025 : प्रकृति के साथ संतुलन की ओर एक कदम: रामबाबू तिवारी

7 months ago
विचार
विचार

इतिहास ने स्वयं को दोहराया : सिंधिया ने किया परिवार की रीति-नीति का अनुसरण

6 years ago
विचार

राज्य ताजा खबर

vidyasagar international school
vidyasagar international school

Vichar

Lakes formed by melting glaciers will cause devastation: Gyanendra Rawat
तबाही का कारण बनेंगीं ग्लेशियर पिघलने से बनी झीलें : ज्ञानेन्द्र रावत
विचार
International Yoga Day: 'Yoga Sutra' for a healthy life
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: स्वस्थ जीवन का ‘योग सूत्र’
विचार
The danger of extinction looms over the glaciers of the world: Gyanendra Rawat
दुनिया के ग्लेशियरों पर मंडराता विलुप्ति का खतरा: ज्ञानेन्द्र रावत
विचार
प्लास्टिक पर्यावरण ही नहीं मानव स्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौती : ज्ञानेन्द्र रावत
विचार
Why is there silence on tampering with faith?: Gyanendra Rawat
आस्था के साथ खिलवाड पर चुप्पी क्यों ?: ज्ञानेन्द्र रावत
विचार

National News

Rules to be made for feeding dogs on government campuses
सरकारी कैम्पस में कुत्तों को खाना खिलाने के नियम बनेंगे
5 days ago
FIR against driver who killed 14 people in Jaipur: Wife of deceased says everything is ruined
जयपुर में 14 लोगों को मारने वाले ड्राइवर पर FIR:मृतक की पत्नी बोलीं- सबकुछ उजड़ गया
4 days ago
Assets worth ₹11.14 crore of Raina and Dhawan attached
रैना और धवन की ₹11.14 करोड़ की संपत्ति अटैच
2 days ago
Encounter breaks out in Jammu and Kashmir's Kishtwar; one soldier injured
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में मुठभेड़, एक जवान घायल
3 days ago
“Papa… let me live too!”
“पापा… मुझे भी जीने दो!”
4 days ago
Follow US
  • About
  • Contact
  • Advertise With Us
  • Privacy policy
  • Disclaimer
  • Fact-Checking Policy
Play
Play
Play
Twitter Follow
Youtube Subscribe
Welcome Back!

Sign in to your account