New Delhi/Atulya Loktantra News: कोरोना वायरस का टीका आने में अब चंद दिनों का वक्त बचा है। सरकार ने इसे लेकर अपनी योजना को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। योजना के अनुसार, सरकार देशवासियों के टीकाकरण पर 20 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंची इस योजना के अनुसार, हर व्यक्ति पर सरकार करीब 400 रुपये खर्च करेगी, जिसमें टीके की दोनों खुराक की कीमत शामिल होगी।
सरकार के नियंत्रण से कीमत कम
हालांकि यह कीमत सरकार के नियंत्रण की वजह से है। अगर टीका बाजार में सीधे तौर पर उपलब्ध होता है तो इसकी कीमत और अधिक भी हो सकती है। राष्ट्रीय टास्क फोर्स से मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, कोरोना के एक टीके की खुराक के लिए सरकार 210 रुपये तक खर्च कर सकती है।
मतदान केंद्रों की तरह टीका केंद्र बनेंगे
मतदान केंद्रों की तरह देशभर में टीके लगाने के लिए केंद्र बनाए जाएंगे। स्कूल, अस्पताल, पंचायत कार्यालय इत्यादि जगहों पर ये केंद्र बनेंगे। देश के सभी राज्यों को टीके समान अधिकार के तहत दिलाए जाएंगे। सबसे पहले कोरोना टीके देश के 30 करोड़ लोगों का लगेंगे।
जनवरी से टीकों का भंडारण शुरू होगा
जनवरी 2021 से टीका के भंडारण का काम भी शुरू हो जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर, ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया सहित सभी विभागों ने तैयारी पूरी कर ली है। एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी और निजी डॉक्टरों को इस अभियान की विशेष जिम्मेदारी दी जाएगी। साथ ही जन भागीदारी के प्रयास के साथ-साथ उन्हें जरूरी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
600 रुपये से अधिक नहीं होगी कीमत
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल ये विचार चल रहा है कि 600 रुपये से अधिक कीमत में टीका बाजार में नहीं बेचा जाएगा। टीका यदि बाजार में उपलब्ध होता है तो सरकार इसकी कीमत तय करेगी। इसके बाद ही फार्मा कंपनी को टीका बाजार में उतारने की इजाजत होगी।
एक साल का स्वास्थ्य बजट टीकाकरण पर खर्च होगा
अधिकारियों के अनुसार, सालाना स्वास्थ्य बजट के ही लगभग राशि कोरोना वायरस टीकाकरण कार्यक्रम पर खर्च होगी। भारत का सालाना स्वास्थ्य बजट करीब 65 हजार करोड़ के आसपास है। टीकाकरण के लिए करीब 55 हजार करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है।