Faridabad/Atulya Loktantra : निर्यात के बाद भारत में Hydroxychloroquine दवां की कमी हो गई है। सरकार ने कोरोना वायरस को देखते हुए दवाईयों का जो स्टॉक रखा था वो बाहरी देशों को सप्लाई किया जा चुका है। जिसके कारण न तो कोई अस्पताल और न ही कोई मेडिकल स्टोर इस दवा की बिक्री कर रहा है। स्थिति इतनी गम्भीर हो चुकी है कि जो मरीज कुछ बिमारियों के चलते इस दवा का सेवन पहले से कर रहे हंै उन्हे भी ये दवा नहीं मिल रही है।
मैं शासन-प्रशासन को यह बताना चाहूंगी कि एक पत्रकार होने के बावजूद भी मुझे इस दवां के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। पिछले दो साल से मैं Sarcoidosis नामक बिमारी से ग्रसित हूं और ऑल इंडिया मेडिकल में डॉक्टरों की निगरानी में मेरा ईलाज चल रहा है। कोरोना वायरस के कारण पिछले एक माह से एम्स की ओपीडी बंद है और मुझे अपने कोर्स को सुचारू रखने के लिए इस दवां की जरूरत है लेकिन फरीदाबाद में न तो कोई डॉक्टर और न ही कोई मेडिकल वाला इस दवा को दे रहा है। कारण पूछने पर पीछे से सप्लाई नहीं आ रही है का जवाब सुनने को मिलता है।
मेरा स्वास्थ्य मंत्री और प्रधानमंत्री मोदी जी से यह सवाल है कि सुपरपावर देशों में सप्लाई देने के लिए क्या देश की जनता को दरकिनार कर दिया जाएगा। देश में Hydroxychloroquine दवां का सेवन करने वाले मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने का अधिकार माननीय प्रधानमंत्री जी को किस ने दिया। देश के नागरिकों के स्वास्थ्य का ख्याल रखना किस का काम है? ऐसे में अगर इन मरीजों के साथ कोई अनहोनी हो जाती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?