बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजनीतिक मतभेद तो जरूर रहेंगे मगर हर किसी को राष्ट्र हित में काम करने के लिए आगे आना चाहिए। जम्मू कश्मीर के लोगों के भविष्य के लिए यही उचित कदम होगा। उन्होंने प्रदेश में सुरक्षा का माहौल बनाने पर भी जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि वे दिल्ली की दूरी और दिल की दूरी मिटाना चाहते हैं। पीएम ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी हुई है कि बैठक में हिस्सा लेने वाले सभी नेताओं ने पूरी बेबाकी और ईमानदारी के साथ अपनी बातें रखी हैं। उन्होंने राज्य के युवाओं को भविष्य में नेतृत्व प्रदान करने और उनकी आकांक्षाएं पूरी करने पर भी जोर दिया।
प्रधानमंत्री के बयान पर टिप्पणी करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सिर्फ एक मुलाकात से दिल्ली की दूरी और दिल की दूरी कम नहीं होने वाली है। अगर आगे भी मुलाकातों का सिलसिला कायम रहे तो निश्चित रूप से कुछ कामयाबी हासिल हो सकती है।
उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार की ओर से जो भी कदम उठाया गया, हम उसे किसी सूरत में स्वीकार नहीं करेंगे। हम कानूनी तरीके से लड़ाई लड़ेंगे। उमर ने कहा कि राज्य के लोगों को केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा पसंद नहीं है और वे राज्य का दर्जा बाहर करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि परिसीमन को लेकर राज्य के लोगों में काफी संदेह है। इसलिए इस मामले पर भी गौर फरमाया जाना चाहिए।