1947- 48 के भारत-पाक युद्ध (1947-48 indo pak war) को पहला कश्मीर युद्ध (First Kashmir War) भी कहा जाता है। ये युद्ध आज़ादी मिलने के चंद महीनों बाद अक्टूबर 1947 में शुरू हुआ था। उस समय पाकिस्तान की सेना (Pakistan Army) के समर्थन के साथ हज़ारों की कबीलाई लड़ाकों ने कश्मीर में घुस कर राज्य के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया।
नतीजतन, भारत से सैन्य सहायता प्राप्त करने के लिए कश्मीर के महाराजा ने भारत में विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये थे। ये लड़ाई लम्बी चली और अंततः संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 22 अप्रैल 1948 को प्रस्ताव संख्या 47 पारित किया। इसके बाद तत्कालीन मोर्चों को ही धीरे धीरे आधार बना दिया गया, जिसे अब नियंत्रण रेखा कहा जाता है।
इस युद्ध में भारत को कश्मीर के कुल भौगोलिक क्षेत्र के लगभग दो तिहाई हिस्से (कश्मीर घाटी, जम्मू और लद्दाख) पर नियंत्रण प्राप्त हुआ, जबकि पाकिस्तान ने लगभग एक तिहाई हिस्से पर (पाकिस्तानी गुलाम कश्मीर और गिलगिट – बाल्टिस्तान पर कब्जा कर लिया)।
1965 की लड़ाई
Indo-Pakistani War of 1965
भारत – पाकिस्तान के बीच दूसरा युद्ध (Second Kashmir War) ऑपरेशन जिब्राल्टर (Operation Gibraltar) के साथ शुरू हुआ। ऑपरेशन जिब्राल्टर पाकिस्तान की जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने की रणनीति का कोड नाम था।
अगस्त 1965 में शुरू हुए इस युद्ध में भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पश्चिमी पाकिस्तान के मोर्चे पर बड़े पैमाने पर सैन्य हमले शुरू कर दिए। सत्रह दिनों तक चले इस युद्ध में हज़ारों की जानें चली गईं थीं। आख़िरकार सोवियत संघ और संयुक्त राज्य द्वारा राजनयिक हस्तक्षेप करने के बाद युद्धविराम घोषित किया गया।
कारगिल युद्ध 1999
Kargil War
1999 में भारत पाकिस्तान का चौथा युद्ध (Kargil War) हुआ जिसे कारगिल युद्ध (kargil yuddh) के नाम से जाना जाता है। यह युद्ध कारगिल जगह पर हुआ था। पाकिस्तान ने इस युद्ध की शुरूआत 3 मई 1999 को ही कर दी थी जब उसने कारगिल की ऊँची पहाडि़यों पर 5,000 सैनिकों के साथ घुसपैठ कर कब्जा जमा लिया।
इस बात की जानकारी जब भारत सरकार को मिली तो सेना ने पाक सैनिकों (pak soldiers) को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन विजय चलाया।इस युद्ध को ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है, जो मई से जुलाई 1999 के बीच लड़ा गया।