SIT ने आलंद वोट चोरी मामले में एडीशनल चीफ मोट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (ACMM) कोर्ट में शनिवार को 22 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। जांच में पूर्व BJP विधायक सुभाष गुट्टेदार और उनके बेटे हर्षानंद को मुख्य आरोपी बनाया गया है।
चार्जशीट में सुभाष गुट्टेदार के पर्सनल सेक्रेटरी टिप्परुद्र, कलबुर्गी के तीन डेटा सेंटर ऑपरेटर – अकरम पाशा, मुकरम पाशा और मोहम्मद अशफाक और पश्चिम बंगाल के बापी आद्या पर भी मामले में शामिल होने का आरोप है।
SIT की रिपोर्ट के मुताबिक 2023 विधानसभा चुनाव से पहले 5,994 वोटरों के नाम वोटर लिस्ट से हटाने की कोशिश हुई। इसके लिए कलबुर्गी में एक कॉल सेंटर नेटवर्क बनाया गया, जहां से फर्जी डिलीशन एप्लिकेशन डाली गईं।
इसी साल 18 सितंबर को राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके 2023 कर्नाटक विधानसभा चुनावों के दौरान आलंद विधानसभा क्षेत्र में वोट चोरी के आरोप लगाए थे।
उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग जानबूझकर कांग्रेस के वोटों को निशाना बना रहा है और उनके नाम डिलीट कर रहा है।
राहुल ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण दिया था। उन्होंने कहा था 2023 के चुनाव में किसी ने 6,018 वोट डिलीट करने की कोशिश की। इसकी संख्या ज्यादा भी हो सकती है। हमें नहीं पता कि कुल कितने वोट डिलीट किए गए। इन्हें डिलीट करते समय गलती से मामला पकड़ में आ गया।
उन्होंने कहा- हुआ यूं कि वहां की एक बूथ-लेवल अधिकारी ने देखा कि उसके चाचा का वोट डिलीट हो गया है। उसने जांच की तो पाया पड़ोसी ने वोट डिलीट किया था। बीएलओ ने उससे बात की।
उन्होंने आगे कहा कि जब उसने अपने पड़ोसी से पूछा तो उसने कहा कि मैंने कोई वोट डिलीट नहीं किया। यानी न तो जिस व्यक्ति ने वोट डिलीट किया और न ही जिसका वोट डिलीट हुआ- दोनों को इस बारे में कुछ पता था। असल में किसी और ताकत ने सिस्टम को हाईजैक करके ये वोट डिलीट किए थे।

