कोलकाता के लॉ कॉलेज गैंगरेप के मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा के बारे में नए खुलासे हो रहे हैं। उसकी बैचमेट रही एक लड़की ने कॉलेज में उसके आतंक के बारे में बताया है। लड़की के मुताबिक, कॉलेज में लौटने के बाद मोनोजीत ने सब कुछ कंट्रोल करना शुरू कर दिया था। मनोजीत से बचने के लिए ही उसने भी कॉलेज जाना छोड़ दिया था।
दरअसल, मनोजीत ने 2022 में कॉलेज से ग्रेजुएशन कम्प्लीट किया था। 2 साल बाद 2024 में वह एडहॉक पर नौकरी शुरू की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस समय कॉलेज में एडमिशन रेट घट गया था। इतना ही नहीं, कुछ लड़कियों ने बताया कि मनोजीत की मौजूदगी में उन्हें डर बना रहता था।
वह कैंपस में लड़कियों तस्वीरें लेता, ग्रुप में पोस्ट करता था। हर दूसरी लड़की को प्रपोज करता था। आरोपी को छात्रों और प्रशासन के बीच देवता का दर्जा प्राप्त था। कैंपस के हर दस्तावेज तक उसकी पहुंच थी। हर स्टूडेंट की डीटेल, फोन नंबर और पते उसके पास होते थे।
वहीं, पश्चिम बंगाल महिला आयोग की अध्यक्ष लीना गांगोपाध्याय ने बुधवार को कहा कि छात्रा बहुत ज्यादा सदमे में है और उसे और काउंसलिंग की आवश्यकता है।
साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में 25 जून को गैंगरेप एक छात्रा से गैंगरेप हुआ था। मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा यहीं का पूर्व छात्र है। बाकी 2 आरोपी मौजूदा स्टूडेंट्स हैं। मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी को 26 जून को गिरफ्तार किया गया था।
मामले में तीन आरोपियों की पुलिस हिरासत 8 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। कॉलेज के सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी की हिरासत भी 4 जुलाई तक बढ़ाई है।
स्टाफ की कमी के चलते मनोजीत की हायरिंग हुई थी
लॉ कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल नयना चटर्जी ने बताया था कि मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा को कुछ महीने पहले ही अस्थायी फैकल्टी मेंबर के तौर पर नियुक्ति किया गया था। परमानेंट स्टाफ की कमी की वजह से हायरिंग की गई थी।
चटर्जी ने बताया कि कॉलेज प्रशासन को मीडिया के जरिए घटना की जानकारी मिली। पीड़ित छात्रा या किसी अन्य ने घटना के बारे में कोई शिकायत कॉलेज प्रशासन से नहीं की।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटना के एक दिन बाद कैंपस में प्रवेश करने की अनुमति मांगी थी। इस बारे में सिक्योरिटी गार्ड को भी न बताने को कहा गया था। पुलिस ने ग्राउंड फ्लोर के दो कमरे सील कर दिए हैं। वाइस प्रिंसिपल ने गार्ड के ठीक से ड्यूटी न करने की बात भी मानी है।

