उद्धव और राज ठाकरे ने बुधवार को बृहन मुंबई नगर निगम (BMC) चुनाव एक साथ लड़ने का ऐलान किया। 20 साल बाद दोनों की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) और मनसे में चुनावी गठबंधन हुआ है।
इससे पहले 2005 में राज ठाकरे ने शिवसेना से अलग होकर मनसे पार्टी बनाई थी। दोनों ने जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारी सोच एक है अगर बंटेंगे तो बिखरेंगे। महाराष्ट्र के लिए हम सब एक हैं। इससे पहले दोनों नेता शिवाजी पार्क स्थित बालासाहेब ठाकरे के स्मारक पहुंचे और श्रद्धांजलि दी।
महाराष्ट्र में BMC समेत 29 नगर निगमों में 15 जनवरी को वोटिंग होगी। 16 जनवरी को रिजल्ट आएगा।
1989 में राज ठाकरे 21 साल की उम्र में शिवसेना की स्टूडेंट विंग, भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष थे। 1993 तक उन्होंने लाखों की तादाद में युवा अपने और शिवसेना के साथ जोड़ लिए। इसका नतीजा ये हुआ कि पूरे राज्य में शिवसेना का तगड़ा जमीनी नेटवर्क खड़ा हो गया।
2002 तक राज ठाकरे और उद्धव शिवसेना को संभाल रहे थे। 2003 में महाबलेश्वर में पार्टी का अधिवेशन हुआ। बालासाहेब ठाकरे ने राज से कहा- ‘उद्धव को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाओ। राज ने पूछा, ‘मेरा और मेरे लोगों का क्या होगा।’ 2005 तक उद्धव पार्टी पर हावी होने लगे थे। पार्टी के हर फैसले में उनका असर दिखने लगा था। ये बात राज ठाकरे को अच्छी नहीं लगी।
9 मार्च 2006 को शिवाजी पार्क में राज ठाकरे ने अपनी पार्टी ‘महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना’ यानी मनसे का ऐलान कर दिया। राज ने मनसे को ‘मराठी मानुस की पार्टी’ बताया और कहा- यही पार्टी महाराष्ट्र पर राज करेगी।
महाराष्ट्र निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन (NDA) को बंपर जीत हासिल हुई है। 288 सीटों (246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों) के रिजल्ट में महायुति को 207 सीटों पर जीत मिली। गठबंधन में भाजपा 117 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

