सुप्रीम कोर्ट ने अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश में पायलट की गलती को लेकर उठ रही चर्चाओं को अफसोसजनक बताया है। इसके लिए कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) से जवाब मांगा है।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बैंच ने इस मामले में स्वतंत्र जांच करवाने की संभावना पर भी ध्यान दिया है। इसको लेकर एविएशन सुरक्षा NGO सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन ने PIL दायर की है।
इसमें आरोप लगाया गया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट में जरूरी जानकारी छुपाई गई है और यह नागरिकों के जीवन, समानता और सही जानकारी पाने के अधिकार का उल्लंघन करती है। PIL में कहा गया,
अहमदाबाद से लंदन जा रहा एअर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान 12 जून को टेकऑफ के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गया था। इसमें 270 लोगों की मौत हो गई थी। सुमीत सभरवाल फ्लाइट के मुख्य पायलट और क्लाइव कुंदर को-पायलट थे।
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने अहमदाबाद प्लेन क्रैश पर अपनी प्राइमरी रिपोर्ट 12 जुलाई को जारी की थी। रिपोर्ट में पायलट सुमीत सभरवाल और को-पायलट क्लाइव कुंदर के बीच बातचीत का जिक्र था।
कॉकपिट ऑडियो के अनुसार, एक पायलट ने पूछा- तुमने कट क्यों किया? और दूसरे ने जवाब दिया- मैंने नहीं किया। इससे पायलट की गलती की अटकलें लगाई जा रही है।
अहमदाबाद-लंदन की फ्लाइट के पायलट सुमीत सभरवाल और को-पायलट क्लाइव कुंदर थे। सुमित को 8,200 घंटे से ज्यादा का फ्लाइंग एक्सपीरियंस था। को-पायलट को भी 1,100 घंटे का फ्लाइंग एक्सपीरियंस था। यानी, दोनों एक्सपीरियंस्ड पायलट थे।

