ममता बनर्जी ने भी मोदी सरकार पर किसानों के साथ अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया था। पीएम मोदी की ओर से कदम वापस खींचने को उन्होंने किसानों की जीत (Kisano Ki Jeet) बताया था। ममता का कहना था कि मोदी सरकार की ओर से किसानों के साथ क्रूर व्यवहार किया गया मगर फिर भी किसान पीछे नहीं हटे और संघर्ष करके एक बड़े मुद्दे पर जीत हासिल की। माना जा रहा है कि ममता इस मुद्दे पर विपक्ष के नेताओं के साथ चर्चा कर सकती हैं।
ममता की भाजपा नेता वरुण गांधी (Varun Gandhi) से मुलाकात होने की भी संभावना है। वरुण गांधी हाल के दिनों में किसानों के मुद्दे पर काफी मुखर रहे हैं। उन्होंने किसानों का मुद्दा प्रमुखता से उठाकर भाजपा नेतृत्व को संकट में डाला है। उनके जल्द ही टीएमसी का दामन थामने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में ममता की वरुण गांधी से मुलाकात भी काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
संसद के आगामी सत्र में होगा आक्रामक रुख
संसद के पिछले सत्र में पेगासस का मुद्दा (Pegasus Jasoosi Case) खूब गूंजा था और ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के सांसदों ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार किया था। संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session Of Parliament) के दौरान भी टीएमसी सांसदों (TMC MPs) के केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने की संभावना है। खासकर सीमा सुरक्षा बल (BSF) का अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर किए जाने का मुद्दा संसद में उठने की संभावना जताई जा रही है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जा चुका है। इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायकों ने विधानसभा में जमकर हंगामा किया था। टीएमसी नेताओं का कहना है कि संसद के आगामी सत्र में भी यह मुद्दा उठाया जाएगा। ममता इस मुद्दे पर विपक्ष के नेताओं से समर्थन मांग सकती हैं।