उधर जम्मू एयरपोर्ट (jammu airport bomb blast) पर जून के अंत में दो ड्रोन्स के जरिए विस्फोटक गिराए गए थे। इस हमले में दो वायुसैनिकों को मामूली चोटें आई थीं। एक धमाके से एक इमारत की छत को नुकसान पहुंचा था, वहीं दूसरा धमाका खाली जगह पर हुआ था। ये हमला लश्कर ने कराया था मीडिया खबरों के अनुसार, कश्मीर (kashmir news) में आतंक के नेटवर्क के संपूर्ण सफाए के लिए सुरक्षा एजेंसियां कमर कस चुकी हैं और कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में मौजूद आतंकियों की गिनती कर उनकी लिस्ट तैयार की जा रही है। बताया जाता है कि केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने जम्मू कश्मीर के 9 इलाकों में मौजूद कुल 97 आतंकियों की पहचान की है, जो एक्टिव हैं।
पाकिस्तान की आईएसआई (Pakistan ISI) लगातार कश्मीर में युवाओं को आतंक की राह पर ढकेलने के साथ साथ घाटी में आतंकियों की घुसपैठ की भी कोशिशों में लगी हुई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अब तक 46 बार घुसपैठ की कोशिशें की जा चुकी है जिसमें 17 के करीब आतंकियों के घुसपैठ की जानकारी मिली है। हालांकि अब तक कितने आतंकी घुसपैठ कर चुके हैं, इसकी सही-सही जानकारी नहीं है।
अफगानिस्तान के जरिये भी आतंकी घुसपैठों (Afghanistan terrorism) से इनकार नहीं किया जा सकता। वहां आईएसआईएस (isis) सक्रिय हो गया है और उसकी मौजूदगी अफगानिस्तान के सभी प्रान्तों में मानी जा रही है। इसके अलावा पाकिस्तान का तालिबान को पूरा समर्थन है। पाकिस्तान ने अपने यहां भी तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान से समझौता कर लिया है जबकि ये एक आतंकी गुट है और इसके नेता आतंकी लिस्ट में शुमार थे।