कोरोना की दूसरी लहर (Corona Virus Second Wave) को कोरोना वैक्सीनों (Corona Vaccine) के जरिये कंट्रोल किया गया। यह बात अपनी जगह बिल्कुल सही है। कोरोना की अगस्त के आखीर में संभावित कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए देश में फिलहाल कोविशील्ड, कौवैक्सीन और स्पुतनिक V वैक्सीन दी जा रही है। केंद्र व राज्य सरकारें वैक्सीनेशन के अभियान को लगातार तेज करने और अधिकतम लोगों का वैक्सीनेशन करने के लिए प्रयासरत हैं। इन सबके बावजूद वैक्सीन के साइड इफेक्ट (Corona Vaccine Side Effects) की खबरें भी यदा कदा सुनने में आती रहती हैं लेकिन कोई भी साइड इफेक्ट खतरनाक नहीं होता।
लेकिन इसी बीच 15 जून को कोरोना की वैक्सीन से मौत (Death Due To Corona Vaccine) का पहला मामला सामने आया जिसकी सरकारी पैनल ने पुष्टि की। इसी तरह अब एक और नया मामला सामने आया है जिसमें एक सरकारी कर्मचारी ने वैक्सीन से अंधा होने का दावा किया है और इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने बदायूं (Budaun) के जिला मजिस्ट्रेट (DM) को यह तय करने का निर्देश दिया है कि क्या कोई सरकारी कर्मचारी जो यह दावा करता है कि कोविड -19 का टीका (Covid-19 Vaccine) लगने के बाद दोनों आंखों की रोशनी चली गई है, वह कानून के तहत मुआवजा पाने का अधिकारी है।
न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी ने लेखपाल (सरकारी लेखाकार) ऐश्वर्य कुमार शर्मा (Aishwarya Kumar Sharma) की पत्नी द्वारा दायर एक रिट याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि यदि याचिकाकर्ता जिला मजिस्ट्रेट, बदायूं को सभी प्रासंगिक चिकित्सा रिपोर्टों के साथ नए सिरे से प्रत्यावेदन करता है, तो उसकी शिकायतों की एक सप्ताह के भीतर सुनवाई पूरी कर प्राधिकरण कानून के अनुसार शीघ्रता से निर्णय लेगा। गौरतलब है कि दंपति का 10 साल का एक बेटा है।