सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजधानी में रुक-रुककर चल रही योजनाओं को रफ्तार मिलेगी। अफसरों ने सरकार की योजनाओं को प्राथमिकता में नहीं रखा। बजट की योजनाओं पर भी धन आवंटन रोक दिया गया, जिससे बीते वर्ष रोजगार बजट की योजना परवान नहीं चढ़ सकी। शिक्षा, स्वास्थ और रोजगार से जुड़ी कई योजनाओं की फाइल अफसरों ने आगे नहीं बढ़ाई। कई बार कर्मचारियों के अनुबंध पर असर पड़ा तो कई नई योजनाएं शुरू ही नहीं हो पाई।
अधिकारियों पर सरकार के अधिकार स्पष्ट नहीं होने का असर योजनाओं पर पड़ा। सबसे ज्यादा दिक्कत अलग-अलग योजनाओं के लिए बजट आवंटन में आई। मोहल्ला क्लीनिक में दवाई की आपूर्ति और जांच रुक गई थी। वित्त विभाग ने इसमें बजट रोक दिया था। जल बोर्ड की कई योचनाओं पर इसका असर पड़ा। बजट में आवंटन के बाद भी वित्त विभाग ने पैसा जारी नहीं किया।