कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के वोटर लिस्ट में गड़बड़ी में आरोपों के बीच भाजपा की आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने बुधवार को दावा किया कि सोनिया गांधी का नाम भारत की वोटर लिस्ट में दो बार तब शामिल हुआ, जब वह भारतीय नागरिक भी नहीं थीं।
वहीं, बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि रायबरेली में एक ही घर पर 47 वोटर्स कैसे रजिस्टर किए गए हैं, राहुल और सोनिया को कभी ये नाम नहीं दिखे। उन्होंने कहा,
भाजपा ने यह दावा उस समय किया है जब राहुल और विपक्ष चुनाव आयोग (EC) और भाजपा पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और वोट चोरी का आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस लगातार दावा कर रही है कि EC ने भाजपा को चुनाव जिताने में मदद की है और वोटर लिस्ट में कई फर्जी नाम जोड़े गए हैं।
मालवीय बोले- सोनिया का 2 बार नाम जोड़ा गया
मालवीय ने X पर लिखा, ‘यह पूरा मामला चुनावी कानून के स्पष्ट उल्लंघन का उदाहरण है। शायद यही कारण है कि राहुल गांधी भी ऐसे मतदाताओं को वैध करने के पक्ष में रहते हैं, जो अयोग्य या अवैध हैं और स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का विरोध करते हैं।’
पहली बार 1980 में नाम जोड़ा: वोटर लिस्ट में सोनिया का नाम पहली बार 1980 में जोड़ा गया। उस समय वे इटली की नागरिक थीं। तब गांधी परिवार 1, सफदरजंग रोड, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सरकारी निवास पर रहता था। उस समय इस पते पर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी और मेनका गांधी के नाम थे। लेकिन 1 जनवरी 1980 में नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की वोटर्स लिस्ट में संशोधन हुआ, जिसमें सोनिया गांधी का नाम पोलिंग स्टेशन 145 में क्रम संख्या 388 पर जोड़ा गया।
दूसरी बार 1983 में नाम जोड़ा गया: 1982 में विरोध के बाद उनका नाम लिस्ट से हटा दिया गया था और 1983 में उनका नाम पोलिंग स्टेशन 140 में क्रम संख्या 236 पर फिर से जोड़ दिया गया। समस्या यह थी कि इस संशोधित सूची के लिए योग्यता की तारीख 1 जनवरी 1983 थी, जबकि सोनिया गांधी को भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को मिली थी। यानी उस समय भी वे भारतीय नागरिक नहीं थीं।
मालवीय ने यह सवाल भी उठाया कि सोनिया गांधी ने राजीव गांधी से शादी के 15 साल बाद जाकर ही भारतीय नागरिकता क्यों ली। उन्होंने कहा कि एक ही व्यक्ति का नाम दो बार बिना नागरिकता के वोटर लिस्ट में आना चुनावी गड़बड़ी (Electoral Malpractice) का गंभीर मामला है।

