दिल्ली शराब नीति पर भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया है। वीडियो जारी करते हुए भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने बताया कि घोटाले में आरोपी नंबर 9 अमित अरोड़ा ने केजरीवाल सरकार की पोल खोल दी है। केजरीवाल सरकार ने शराब टेंडर देने के लिए 5-5 करोड़ रुपए तक की मिनिमम फीस तय की थी। यह इसलिए ताकि छोटा-मोटा प्लेयर इस धंधे में न आ पाए।
दरअसल, BJP ने केजरीवाल सरकार पर नए शराब टेंडर के बाद गलत तरीके से शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ माफ करने के आरोप लगाए। वहीं, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केजरीवाल सरकार के मंत्री सिसोदिया पर नियमों को नजरअंदाज कर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए थे। सक्सेना ने 22 जुलाई यानी शुक्रवार को नई शराब नीति को लेकर मनीष सिसोदिया के खिलाफ CBI जांच की मांग की। इसके बाद CBI ने शराब घोटाले में सिसोदिया समेत 16 लोगों पर केस दर्ज किया था।
1. सभी ने केजरीवाल को पैसा दिया
घोटाले के बारे में बात करते हुए अमित अरोड़ा ने दिल्ली के कई शराब कारोबारियों का नाम लिया। उसने कहा कि सभी ने केजरीवाल को पैसा दिया है। किसी ने 100 करोड़, किसी ने 60 करोड़, किसी ने 50 करोड़ और जिसका धंधा थोड़ा छोटा है उसने 30 करोड़ रुपए दिए हैं।
अमित अरोड़ा कहते हैं कि इंडो स्पिरिट वाले ने तो 100 करोड़ रुपए का एडवांस दिया था। वो कहता था मैंने 100 करोड़ रुपए की जॉइंनिंग ली है। दिल्ली में शराब का सबसे बड़ा धंधा उसी के पास है। ये एक तरीके से ब्लैक मनी को व्हाइट करने का तरीका है। मेरे पास कैश पड़ा है और मैंने आपको एडवांस में दे दिया और अपने फिक्स्ड मार्जिन लेकर मुझे लौटा रहे हैं तो ये अपने आप में एक बिजनेस है।
2. पहले 10 लाख का लाइसेंस था, अब 5 करोड़ में मिलता है
अमित अरोड़ा ने कहा कि केजरीवाल ने शराब लाइसेंस की मिनिमम फीस को 10 लाख से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपए कर दिया। पूरे देश में इतना महंगा लाइसेंस कहीं नहीं मिलता है, लेकिन दिल्ली में है, क्योंकि आम आदमी पार्टी चाहती ही नहीं कि छोटा प्लेयर इस मार्केट में रहे। न कोई छोटा दुकानदार 5 करोड़ रुपए फीस दे पाएगा, न उसे धंधा करने दिया जाएगा।
3. दिल्ली से लेकर पंजाब तक फैला है घोटाला
अमित अरोड़ा ने कहा कि आप दिल्ली में कहीं भी चले जाओ, सबको पता है कि केजरीवाल ने शराब बिक्री का लाइसेंस देने में घोटाला किया है। इसमें कुछ छिपा नहीं है। अमित ने कहा कि अमन डल और अनंत वाइन्स नाम के दो कारोबारियों को पंजाब में 10 हजार करोड़ रुपए का धंधा दिया गया है। एक ही दुकानदार को आप शहर में छह दुकानें खोलने देंगे तो उसको तो फायदा होगा ही। ऐसा करके आपने कॉम्पिटिशन ही मिटा दिया।