भारत की आबादी तेजी से बूढ़ी हो रही है। 2011 में देश में 60 साल से ऊपर की आबादी 10.16 करोड़ थी, जो 2036 तक बढ़कर 22.74 करोड़ हो जाएगी। यानी बुजुर्गों की आबादी का हिस्सा कुल जनसंख्या में 8.4% से बढ़कर 14.9% हो जाएगा और हर 7 में 1 भारतीय सीनियर सिटीजन होगा।
ये जानकारी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में दी। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे देश में बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है, उसके सामने स्वास्थ्य सेवा, सामाजिक सुरक्षा, आर्थिक निर्भरता और डिजिटल सुविधाओं का उपयोग जैसी चुनौतियां भी बढ़ती जा रही हैं।
सरकार ने माना है कि जैसे-जैसे देश में बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है, परिवारों का ढांचा और रिश्तों का तरीका भी बदल रहा है। पहले ज्यादातर लोग संयुक्त परिवार में रहते थे, जहां बुजुर्गों की देखभाल सब मिलकर करते थे। अब छोटे परिवार बढ़ रहे हैं, जिससे बुजुर्गों की देखभाल का तरीका भी बदल गया है और उनकी जिम्मेदारी कम लोगों पर आ गई है।
नई रिपोर्टों में इसे “विरोधाभास” कहा गया है, यानि बुजुर्गों की संख्या तो बढ़ रही है, लेकिन समाज की सोच, जिम्मेदारी और उनकी देखभाल को लेकर उम्मीदें पहले जैसी नहीं रहीं। इसका सीधा असर बुजुर्गों की देखभाल और उनके सम्मान पर पड़ रहा है।
गृह राज्य मंत्री ने बताया कि बुजुर्गों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 1 अप्रैल 2021 से अटल वयो अभ्युदय योजना (AVYAY) लागू की है। इस योजना के तहत पूरे देश में वरिष्ठ नागरिकों के लिए सहायता और सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
सरकार ने नेशनल काउंसिल ऑफ सीनियर सिटीजन्स भी बनाई है, जिसकी अध्यक्षता सामाजिक न्याय-अधिकारिता मंत्री करते हैं। इस परिषद में अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञ और प्रतिनिधि शामिल हैं, जो बुजुर्गों से जुड़े मुद्दों पर सलाह देते हैं।
देश में सबसे ज्यादा बुजुर्ग केरल में
देश में सबसे ज्यादा बुजुर्ग केरल में रहते हैं। यहां कुल आबादी के 16.5% लोग बुजुर्ग (60 साल से अधिक उम्र के 56 लाख लोग) हैं। इनमें भी 11% लोग 80 साल या इससे अधिक उम्र के हैं। 2031 तक ये 25% होंगे। कई गांवों में सिर्फ बुजुर्ग बचे हैं।
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माइग्रेशन एंड डेवलपमेंट (आईआईएमडी) की केरला माइग्रेशन सर्वे रिपोर्ट बताती है कि राज्य की 3.43 करोड़ आबादी में हर पांच में से एक घर का कम से कम एक सदस्य बाहर है। 12 लाख से ज्यादा घरों में ताले पड़े हैं, तो 21 लाख से ज्यादा में सिर्फ बुजुर्ग हैं।
इससे पहले 2023 में नीति आयोग ने बताया था कि दुनियाभर में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों की आबादी बढ़ रही है। भारत में भी जन्मदर गिरने से बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है। 2050 तक कुल जनसंख्या के 19.5% बुजुर्ग होंगे, जो फिलहाल 10% हैं। अभी कुल आबादी में 10.40 करोड़ लोग बुजुर्ग हैं। अनुमान है कि 2050 तक हर पांचवा भारतीय बुजुर्ग होगा।
‘भारत में वरिष्ठ नागरिक देखभाल सुधार: वरिष्ठ नागरिक देखभाल प्रतिमान की पुनर्कल्पना’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में नीति आयोगन ने बुजुर्गों के लिए लिक्विडिटी बढ़ाने, अनिवार्य बचत के लिए रिवर्स मॉर्टगेज सिस्टम शुरू करके बुजुर्ग देखभाल सेवाओं को विकसित करने का आह्वान किया था।

