ChatGPT को डेवलप करने वाली कंपनी OpenAI अगले साल दिवालिया हो सकती है। एनालिटिक्स इंडिया मैगजीन ने एक रिपोर्ट में दावा किया कि ChatGPT को चलाने के लिए कंपनी हर दिन 7 लाख डॉलर यानी करीब ₹5.80 करोड़ खर्च कर रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि OpenAI तेजी से अपने फाइनेंशियल रिसोर्सेज कम कर रही है, लेकिन GPT-3.5 और GPT-4 के लिए पेड सर्विस शुरू करने के बाद भी कंपनी इतना रेवेन्यू जेनरेट नहीं कर पा रही, जिससे इसकी लागत को कवर किया जा सके।
माइक्रोसॉफ्ट के निवेश से चल रही कंपनी
रिपोर्ट के मुताबिक OpenAI में माइक्रोसॉफ्ट के 10 बिलियन डॉलर यानी करीब 83,000 करोड़ रुपए के निवेश के कारण ही शायद इस समय कंपनी सर्वाइव कर रही है। OpenAI ने 2023 में 200 मिलियन डॉलर यानी करीब 1660 करोड़ रुपए का एनुअल रेवेन्यू होने का अनुमान लगाया है। 2024 में रेवेन्यू 1 बिलियन डॉलर यानी करीब 8200 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। हालांकि अभी कंपनी में जिस तरह के हालात है, उसमें इस रेवेन्यू तक पहुंचना संभव नहीं लगता।
कंपनी का घाटा बढ़कर दोगुना हुआ
OpenAI ने नवंबर 2022 में ChatGPT लॉन्च किया था। तब से मई 2023 तक कंपनी को 540 मिलियन डॉलर यानी करीब ₹4479 करोड़ का घाटा हो गया है। वहीं ChatGPT के यूजर्स में भी गिरावट देखने को मिल रही है। जुलाई 2023 में जून की तुलना में ChatGPT के यूजर्स में 12% की गिरावट देखी गई है। जुलाई में 1.7 बिलियन यूजर्स थे जो घटकर 1.5 बिलियन हो गए हैं।

