ओडिशा में कांग्रेस ने अपने सभी 14 विधायकों के निलंबन के विरोध में गुरुवार को प्रदर्शन किया। विधानसभा घेरने के लिए कार्यकर्ता विधानसभा की ओर बढ़ रहे थे। इस दौरान पुलिस से उनकी झड़प हुई।
दरअसल 25 मार्च को कांग्रेस के 12 विधायक निलंबित कर दिए गए थे। इसके बावजूद विधायक प्रदर्शन करते रहे और पूरी रात सदन में बिताई। विधानसभा के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदर्शन करते रहे।
अगले दिन यानी 26 मार्च को कांग्रेस कार्यकर्ता और निलंबित विधायक विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करते रहे। वे विधानसभा की बढ़े तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद जमकर धक्का-मुक्की हुई।
सदन के भीतर कांग्रेस के बचे हुए दो विधायकों तारा प्रसाद बाहिनीपति और रमेश जेना ने इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया। दोनों सदन की वेल में आकर प्रदर्शन कर रहे थे इसलिए उन्हें भी निलंबित कर दिया गया था।
पुलिस की 80 प्लाटून तैनात
न्यूज एजेंसी PTI से बात करते हुए भुवनेश्वर के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (DCP) जगमोहन मीना ने बताया- विधानसभा की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर पुलिस की 80 प्लाटून तैनात की गई हैं। इनमें 10 प्लाटून महिला कर्मियों की हैं। ओडिशा स्विफ्ट एक्शन फोर्स की भी तैनाती की जा रही है। इसका इस्तेमाल दंगों से निपटने के लिए किया जाता है।
अनुशासनहीनता के चलते हुआ निलंबन
कांग्रेस विधायक भाजपा सरकार के आठ महीनों के दौरान महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों की जांच के लिए कमेटी बनाने की मांग कर रहे थे। इसके लिए उन्होंने नारेबाजी की और नारे लिखी तख्तियां लेकर वेल में प्रदर्शन किया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने अनुशासनहीनता और सदन की गरिमा भंग करने के आरोप में सात दिन के लिए निलंबित कर दिया
BJD ने विधानसभा में गंगाजल छिड़का
बीजू जनता दल (BJD) के विधायकों ने गुरुवार को विधानसभा में गंगाजल छिड़का। दरअसल निलंबित कांग्रेस विधायकों को सदन से बाहर निकालने के लिए 25 मार्च की रात पुलिस विधानसभा के अंदर गई थी । BJD विधायकों ने कहना था कि विधानसभा में पुलिस आने से सदन अपवित्र हो गया था। विधानसभा को शुद्ध करने के लिए गंगाजल छिड़का।
मामले में राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा, इस पवित्र सदन को शुद्ध करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह हमेशा पवित्र है। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाधी ने परिसर में गंगाजल छिड़कने की आलोचना की। उन्होंने कहा- यह स्वीकार्य नहीं है। सदस्यों को ऐसा नहीं करना चाहिए।
भाजपा ने 24 साल 99 दिन का पटनायक राज खत्म किया
जून, 2024 में लोकसभा के साथ हुए विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने पहली बार ओडिशा में सरकार बनाई। इससे पहले नवीन पटनायक 5 बार यानी 24 साल 99 दिन तक ओडिशा के CM रहे थे। वे 5 मार्च 2000 को पहली बार मुख्यमंत्री बने थे।
अगर इस बार उनकी सरकार बनती तो वे देश में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री होने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लेते। अभी ये रिकॉर्ड सिक्किम के पवन चामलिंग के नाम है। वे 24 साल 165 दिन तक इस पद पर रहे।

