भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को सीजफायर का ऐलान किया गया। एक दिन बाद कांग्रेस ने दिल्ली में हेडक्वॉर्टर के बाहर ‘इंदिरा होना आसान नहीं’ वाला पोस्टर लगाया।
इस पोस्टर के साथ ही 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के सरेंडर वाली तस्वीरें भी लगाईं। पोस्टर में इंडिया मिस इंदिरा (भारत इंदिरा को याद कर रहा है) की बात भी लिखी गई।
लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री को लेटर लिखकर संसद का विशेष सत्र तुरंत बुलाने का अनुरोध किया है।
कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने भारत-पाक के बीच अमेरिका की मध्यस्थता को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा- अमेरिका दो दिन पहले कहता है कि इस मसले से उसका कोई लेना देना नहीं है, फिर अचानक वॉशिंगटन से सीजफायर की घोषणा होती है, जो कई सवाल खड़े करती है।
पायलट बोले- सरकार बताए कि सीजफायर किन शर्तों पर हुआ है
सचिन पायलट ने भी कहा- भारत सरकार को एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और जो पिछली दो मीटिंग में नहीं हुआ। उस पर बात करनी चाहिए। प्रधानमंत्री को इस सर्वदलीय बैठक में आना चाहिए और पूरे देश और दलों को विश्वास में लेना चाहिए, क्योंकि सभी दलों ने अपनी विचारधारा को परे रखते हुए भारत सरकार को संपूर्ण समर्थन दिया था।
पिछली जो सर्वदलीय बैठकें हुईं, उसमें प्रधानमंत्री नहीं आ पाए थे, ऐसे में एक और सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए, ताकि देश और विपक्ष को एक विश्वास मिले। सरकार को बताना चाहिए कि सीजफायर किन शर्तों पर हुआ है? क्या गारंटी है कि भविष्य में इस प्रकार की घटना को अंजाम नहीं दिया जाएगा?

