कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर अंदरूनी खींचतान तेज हो गई है। इस बीच कांग्रेस नेता और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला बेंगलुरु दौरे पर पहुंचे हैं और पार्टी विधायकों के साथ लगातार मीटिंग कर रहे हैं।
डिप्टी CM डीके शिवकुमार के करीबी विधायक इकबाल हुसैन ने दावा किया कि करीब 100 विधायक मुख्यमंत्री बदलने के पक्ष में हैं। अगर अब बदलाव नहीं हुआ, तो 2028 का चुनाव कांग्रेस नहीं जीत पाएगी। हुसैन ने NDTV से बातचीत में कहा,
दरअसल, 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत में डीके शिवकुमार की अहम भूमिका रही थी। तब वे मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे, लेकिन पार्टी हाईकमान के कहने पर उन्होंने डिप्टी CM और प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी स्वीकार की।
उस समय रोटेशनल CM फॉर्मूले की बात भी सामने आई थी, लेकिन इसे कभी सार्वजनिक रूप से मंजूरी नहीं मिली। अब एक बार फिर यह मुद्दा खुलकर सतह पर आ गया है।
सुरजेवाला बोले- राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की बात सिर्फ कल्पना
रणदीप सुरजेवाला सोमवार को बेंगलुरु पहुंचे थे। उनके इस दौरे को CM और डिप्टी CM में बढ़ रही दरार से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि उन्होंने इन अटकलों को खारिज कर दिया और ‘अपने दौरे को “संगठनात्मक समीक्षा” बताया। उन्होंने मीडिया से नेतृत्व परिवर्तन की बात को कल्पना कहा। सिद्धारमैया ने भी मैसूर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार ‘बांदे’ यानी चट्टान की तरह पांच साल चलेगी।
खड़गे बोले- कर्नाटक में CM बदलने का फैसला आलाकमान लेगा
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को कहा, ‘यह फैसला (CM बदलना) पूरी तरह हाईकमान के हाथ में है। कोई नहीं कह सकता कि हाईकमान के दिमाग में क्या चल रहा है। फैसला लेना उनका अधिकार है, लेकिन बेवजह किसी को इस मुद्दे को लेकर कोई परेशानी नहीं खड़ी करनी चाहिए।
दरअसल, रविवार को कर्नाटक कांग्रेस के विधायक एच. ए. इकबाल हुसैन ने कहा था कि उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को आने वाले दो-तीन महीनों में राज्य का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिल सकता है। इसके बाद से ही कर्नाटक में CM बदलने की अटकलें शुरू हुई थीं।
भाजपा ने पूछा- यदि आप आलाकमान नहीं तो कौन
कर्नाटक में विपक्ष के नेता आर अशोक ने सोमवार को पूछा, ‘प्रिय खड़गे जी, यदि आप आलाकमान नहीं हैं, तो कौन हैं, राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी या यह एक उपनाम की अदृश्य समिति है। कांग्रेस में अध्यक्ष सिर्फ दिखावे के लिए होते हैं, जबकि निर्णय 10 जनपथ में बंद दरवाजों के पीछे लिए जाते हैं।

