चेन्नई के मद्रास हाईकोर्ट में एक 15 साल की लड़की ने मंगलवार शाम कोर्ट की पहली मंजिल से कूदकर सुसाइड की कोशिश की। लड़की कोर्ट में पेशी के लिए आई थी। लड़की के माता-पिता के बीच उसकी कस्टडी को लेकर विवाद चल रहा है।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने लड़की को देखरेख के लिए एक केयर होम भेजने का आदेश दिया। इस फैसले से दुखी होकर लड़की ने कोर्ट की पहली मंजिल से कूदकर जान देने की कोशिश की। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
दरअसल, लड़की की मां अंडमान द्वीप की हैं और पिता चेन्नई के नीलांगराई के रहने वाले हैं। मां के दूसरी शादी करने के बाद पिता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बेटी को अपने पास देने की मांग की थी।
घटना के बाद कोर्ट स्टाफ ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया। मामले को लेकर CISF और तमिलनाडु पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और मामले की जांच शुरू कर दी है।
पिता ने याचिका में कहा- बेटी लापता
पिता एम.के. नायर ने हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर कर कहा था कि उनकी बेटी लापता है। पुलिस जांच में पता चला कि लड़की अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में अपनी नानी के घर रह रही है। वह वहां खुद अपनी मर्जी से गई थी, क्योंकि वह न तो अपनी मां के साथ रहना चाहती थी और न ही पिता के साथ।
हाईकोर्ट के जज एम.एस. रमेश और वी. लक्ष्मीनारायणन के सामने लड़की को पेश किया गया। जब उससे पूछा गया कि वह किसके साथ रहना चाहती है, तो उसने कहा कि वह अपनी नानी के साथ अंडमान में रहना चाहती है। लेकिन कोर्ट ने इस अनुरोध को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि एक गोपनीय काउंसलर रिपोर्ट के मुताबिक, अंडमान का माहौल उसके लिए उपयुक्त नहीं है।
अहमदाबाद शहर के प्राइवेट स्कूल में 10वीं की एक छात्रा के सुसाइड का एक दिन बाद शुक्रवार को VIDEO सामने आया। छात्रा ने चौथी मंजिल से छलांग लगा दी थी। उसके पैर और सिर में गंभीर चोटें आईं। इसके बाद प्राइवेट हॉस्पिटल भर्ती कराया गया। छात्रा ने इलाज के दौरान गुरुवार देर रात दम तोड़ दिया। हालांकि, स्टूडेंट के सुसाइड की वजह का अब तक पता नहीं चल सका है। स्टूडेंट के स्कूल बैग या घर से भी कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।

