चक्रवात मोन्था के आंध्र प्रदेश से टकराने के बाद तेलंगाना में तेज बारिश हुई। महबूबाबाद जिले के डोरनकल रेलवे स्टेशन पर पानी भर गया। गोलकुंडा एक्सप्रेस और कोणार्क एक्सप्रेस को रोकना पड़ा।
वहीं खम्मम जिले में एक लॉरी पानी के तेज बहाव में बह गई। नालगोंडा में एक स्कूल में पानी भर गया। बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
तूफान आज सुबह ओडिशा के गंजम पहुंचा। गंजम के समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं और हवा की रफ्तार 80-100kmph पहुंच गई है। IMD के मुताबिक लैंडफॉल के बावजूद अगले 6 घंटों तक तूफान का असर रहेगा।
ओडिशा के 8 जिले गंजम, गजपति, रायगढ़ा, कोरापुट, मलकानगिरी, कंधमाल, कालाहांडी और नबरंगपुर में मोन्था के चलते भारी बारिश और आंधी चल सकती है।
राज्य सरकार ने 11 हजार लोगों को निकाला है। 30 हजार लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाने की तैयारी है। ODRF की 30 टीम और NDRF की 5 टीमों को तैनात किया गया है।
मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि तूफान मोन्था के कारण राज्य में दो लोगों की मौत हुई। उन्होंने कहा कि एहतियाती उपायों से नुकसान कम हुआ है।
मंगलवार रात में चक्रवात आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम तट से टकराया था। मंगलवार शाम 7.30 बजे से देर रात लगभग 1 बजे तक लगभग 5.30 घंटे लैंडफॉल चला। इस दौरान 90-100kmph की रफ्तार से हवा चली थी, जो कि 110kmph पहुंच गई।
मछलीपट्टनम में कई जगह पेड़ गिरे, समुद्र किनारे के मकान ढह गए। कई इलाकों में बिजली के तार टूट गए और पोल गिर गए। शहर की बिजली व्यवस्था ठप हो गई। कोनासीमा में घर पर पेड़ गिरने से बुजुर्ग महिला की मौत हुई। एक दूसरी घटना में 2 अन्य लोग घायल हो गए।

