लोकसभा में सोमवार दोपहर 2:05 बजे से ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा जारी है। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्रम्प के सीजफायर दावे पर कहा- 22 अप्रैल से 17 जून तक ट्रम्प और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बातचीत नहीं हुई। किसी भी स्टेज पर अमेरिका से चर्चा के दौरान व्यापार पर बात नहीं हुई।
इस बात पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। यह देखते हुए अमित शाह बीच में उठे और कहा- भारत का विदेश मंत्री यहां बयान दे रहा है, पर विपक्ष को उन पर भरोसा नहीं है। किसी और देश पर भरोसा है। विदेश मंत्री पर भरोसा क्यों नहीं करते। इसलिए विपक्ष में बैठे हैं। और 20 साल वहीं पर बैठेंगे।
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा, ‘हमने आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारा। सेना ने आतंकियों से हमारी माताओं-बहनों के सिंदूर का बदला लिया।’
रक्षा मंत्री ने 55 मिनट के भाषण में कहा- हमारा मकसद आतंकी ठिकाने तबाह करना था और सेनाओं ने अपना लक्ष्य हासिल किया। हमने किसी के दबाव में पाकिस्तान से सीजफायर नहीं किया।
राजनाथ सिंह ने कहा- विपक्ष पूछ रहा है कि युद्ध में हमारे कितने फाइटर जेट गिरे? उन्होंने यह नहीं पूछा कि हमारे सशस्त्र बलों ने दुश्मनों के कितने जेट गिराए? परीक्षा में रिजल्ट की अहमियत होती है। कितनी पेंसिल टूटी या पेन गुमे, यह पूछना बेईमानी है।
विपक्ष की तरफ से कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा- हम सरकार से सवाल पूछेंगे। देश जानना चाहता है कि 5 दहशतगर्द पहलगाम में कैसे घुसे? उनका क्या मकसद था? सरकार कहती है हमारा मकसद युद्ध नहीं था। हम जमीन पर कब्जा करना नहीं चाहते थे। हम पूछेंगे, क्यों नहीं था। होना चाहिए था। PoK आज नहीं लेंगे तो कब लेंगे।’

