दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट से मिली जमानत बरकरार रहती है या नहीं, इस पर दिल्ली हाईकोर्ट कल यानी 25 जून को दोपहर 2:30 बजे फैसला सुनाएगा। राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 जून को केजरीवाल को बेल दी थी, लेकिन ED की याचिका पर हाईकोर्ट ने 21 जून को राउज एवेन्यू कोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया था।
21 जून को हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा था कि हम 24-25 जून तक फैसला सुनाएंगे। तब तक जमानत पर रोक रहेगी। हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
वहीं ED ने सोमवार को हाईकोर्ट में जवाब दाखिल कर केजरीवाल को लोकर कोर्ट से जमानत दिए जाने को गैरकानूनी बताया। एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की वेकेशन बेंच के सामने जो भी जरूरी दस्तावेज रखे गए थे, बेंच ने उन पर ध्यान देना जरूरी नहीं समझा।
ED ने कहा कि इन दस्तावेजों में सबूत थे कि अरविंद केजरीवाल मनी लॉन्ड्रिंग केस में गर्दन तक डूबे हैं। दिल्ली शराब घोटाले से जो काला धन जमा हुआ था, उसमें आम आदमी पार्टी की बड़ी हिस्सेदारी थी। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत अरविंद केजरीवाल की भूमिका को नजरअंदाज करके वेकेशन बेंच ने गंभीर भूल की है।
उधर इन सभी डेवलपमेंट से पहले आज सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई हुई। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि हाईकोर्ट की तरफ से फैसला सुरक्षित रखना असमान्य बात है। आमतौर पर स्टे की याचिका में फैसला उसी समय सुनाया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने अभी फैसला नहीं सुनाया है, इसलिए उसके पहले कोई आदेश देना सही नहीं होगा। थोड़ा इंतजार करना चाहिए। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 26 जून तक के लिए सुनवाई टाल दी।
लोअर कोर्ट ने कहा था- ED के पास केजरीवाल के खिलाफ सीधे सबूत नहीं
राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 जून को शाम 8 बजे अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी थी। जज न्याय बिंदु की बेंच ने कहा था कि ED के पास अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कोई सीधे सबूत नहीं हैं। कोर्ट ने केजरीवाल को 1 लाख के बेल बॉन्ड पर जमानत दे दी थी।
लोअर कोर्ट के फैसले के विरोध में ED ने 21 जून को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई। जस्टिस सुधीर जैन और जस्टिस रविंदर डुडेजा की बेंच में ED के वकील एसवी राजू ने कहा- लोअर कोर्ट का फैसला सही नहीं है। हमें दलीलें रखने का पूरा समय नहीं मिला।
ED की ओर से ASG एसवी राजू, केजरीवाल की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी और विक्रम चौधरी ने करीब 5 घंटे दलीलें रखी थीं। बेंच ने 5 घंटे की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था और सभी वकीलों से 24 जून यानी आज तक लिखित दलीलें दाखिल करने को कहा था। आज हाईकोर्ट जमानत पर फैसला सुना सकता है।
SG एसवी राजू (ED के वकील) की 4 दलीलें
मुझे पूरी तरह से मामले पर बहस करने की इजाजत नहीं दी गई। मुझे लिखित जवाब दाखिल करने के लिए दो से तीन दिनों का उचित समय नहीं दिया गया। ये गलत है। मेरा रिकॉर्ड अच्छा रहा है, लेकिन निचली अदालत ने कहा कि आधे घंटे में सब खत्म कीजिए, क्योंकि वह फैसला सुनाना चाहती थी। मैं पूरी गंभीरता के साथ आरोप लगा रहा हूं।
ट्रायल कोर्ट का आदेश पूरी तरह से विकृत है, क्योंकि यह PMLA की धारा 45 के प्रावधानों के विपरीत है। ट्रायल कोर्ट ने हमारी बातें ठीक से नहीं सुनीं। कोर्ट ने जवाब को यह कहते हुए नहीं देखा कि यह बहुत बड़ा है। इससे अधिक विकृत आदेश कोई नहीं हो सकता।
ED ने गोवा विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी द्वारा अपराध की आय का इस्तेमाल करने के सबूत पेश किए हैं और 45 करोड़ रुपए का पता लगाया है। कोर्ट ने महत्वपूर्ण निष्कर्षों को खारिज कर दिया, जिसमें 100 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने में केजरीवाल की कथित भूमिका भी शामिल थी।
क्या संवैधानिक कुर्सी पर बैठे रहना जमानत का आधार है? इसका मतलब है कि हर मंत्री को जमानत मिलेगी। इससे ज्यादा विकृत बात कुछ नहीं हो सकती। आदेश पारित होने के बाद हमने ऊपरी अदालत का रुख करने के लिए निचली अदालत से 48 घंटे के लिए स्थगन का अनुरोध किया था, जिसे स्वीकार नहीं किया गया।

