संसद में मानसून सत्र का आज 8वां दिन है। राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर लगातार दूसरे दिन चर्चा हो रही है। भाजपा सांसद जेपी नड्डा ने कहा कि 2014 से पहले हर जगह बम ब्लास्ट होते थे, लेकिन UPA सरकार पाकिस्तानियों को मिठाई खिलाती रही।
वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा- हम पाकिस्तान का सच दुनिया के सामने लाए। खून-पानी एक साथ नहीं चलेगा। गृह मंत्री अमित शाह संसद में समापन भाषण दे सकते हैं।
ऑपरेशन सिंदूर पर राज्यसभा में बहस मंगलवार को जबकि लोकसभा में शुरू हुई थी। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, जेडीयू सांसद संजय कुमार झा सहित कई सांसदों ने भाग लिया।
खड़गे ने कहा- लीडरशिप का मतलब है जिम्मेदारी लेना, न कि किसी को दोष देना। वे (मोदी) जवाब नहीं देंगे, वे अपने दोस्तों-मंत्रियों से कहेंगे कि जाओ जो कहना है कहो। 11 साल में कभी बहस में शामिल नहीं होते। एक व्यक्ति को इतना बढ़ावा मत दो, भगवान मत बनाओ। लोकतांत्रिक रूप से आया है, उसे इज्जत दो, पूजा मत करो।
TMC सांसद ममता ठाकुर ने राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कहा- दुनिया देख सकती है कि भारत किस तरह पाकिस्तान का समर्थन करने वाले अमेरिका का गुलाम बन रहा है। युद्धविराम सफल नहीं रहा।
कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने राज्यसभा में कहा- मोदी जी एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो। कल शाम टेलीविजन पर शुभम द्विवेदी की पत्नी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी कुछ चीजों के बारे में बोला, लेकिन मारे गए 26 लोगों के बारे में कुछ नहीं कहा। अब मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि आप सिंदूर की कीमत क्या जानते हो।
जेपी नड्डा ने राज्यसभा में कहा कि 2004 से लेकर 2014 तक हर शहर में धमाके होते थे। उस समय की सरकार असंवेदनशील थी। हमारे पास वही पुलिस और सेना थी, लेकिन उस समय कोई राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं थी। 2009 के SCO शिखर सम्मेलन में 2008 में हुए इतने बड़े आतंकी हमले का कोई जिक्र नहीं हुआ।
उस समय की सरकार ने मुंबई हमलों को RSS के साथ साजिश बताया और भगवा आतंकवाद के पीछे पड़े रहे।
नड्डा बोले- पहलगाम पर हमले की पूरी क्रोनोलॉजी समझनी चाहिए
जेपी नड्डा ने कहा कि 2004-2014 का समय देखिए, उस वक्त की सरकार ने कई आतंकी घटनाओं पर कोई एक्शन नहीं लिया। यूपीए के गृहमंत्री कहते थे कश्मीर जाने में डर लगता था। 2005 में श्रमजीवी ब्लास्ट हुआ, कोई एक्शन नहीं हुआ। उस समय की सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। पहलगाम पर सवाल उठाने वाले पहले अपने गिरेबां में झांक कर देखें। जेपी नड्डा ने कहा कि यूपीए के गृहमंत्री कहते थे कश्मीर जाने में डर लगता था। आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकती। हमले होते रहे हम बिरयानी खिलाते रहे। वो आतंकी हमले करते हम डोजियर भेजते रहे। यूपीए सरकार के दौरान जगह-जगह बम धमाके होते थे। पहलगाम पर हमले की पूरी क्रोनोलॉजी समझनी चाहिए। विपक्ष पर अटैक करते हुए कहा कि हाफिज सईद को जी कहकर बुलाते थे।

