दिल्ली की शराब नीति में हुए घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को देश के 6 राज्यों में एक साथ छापेमारी की है। यह कार्रवाई आंध्र प्रदेश, तेलंगाना तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र और दिल्ली में 40 जगहों पर की जा रही है।
दिल्ली में इसी साल एक्साइज घोटाला सामने आया था, जिसकी जांच CBI कर रही है। इस मामले में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर भी छापेमारी हो चुकी है। उनसे CBI ने कई दौर की पूछताछ भी की है। शुक्रवार को दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर सत्येन्द्र जैन से भी ED पूछताछ के लिए तिहाड़ जेल पहुंची है। मामले में स्पेशल CBI जज गीतांजलि गोयल ने गुरुवार को ED को सत्येन्द्र जैन से पूछताछ की इजाजत दी थी।
इससे पहले 6 सितंबर को ED ने दिल्ली शराब घोटाला केस में 30 से ज्यादा जगहों पर छापे मारे थे। इसके अलावा लखनऊ, पंजाब, हरियाणा, तेलंगाना और मुंबई में कई शराब कारोबारियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई थी, लेकिन इनमें मनीष सिसोदिया या किसी अन्य सरकारी कर्मचारी के घर टीम नहीं पहुंची थी।
दिल्ली के एक्साइज स्कैम में डिप्टी CM मनीष सिसोदिया के आवास समेत 7 राज्यों की 21 जगहों पर CBI ने छापेमारी की थी। छापेमारी करीब 12 घंटे तक चली। जांच एजेंसी के अफसर 19 अगस्त सुबह 8.30 बजे ही सिसोदिया के घर पहुंच गए थे।
केस से जुड़ी एक बड़ी बात सामने आई थी। दरसअल, CBI ने मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ छापे से दो दिन पहले यानी 17 अगस्त को ही FIR दर्ज कर ली थी। इसमें दावा किया गया था कि एक शराब कारोबारी ने मनीष सिसोदिया के नजदीकी को एक करोड़ रुपए दिए थे।
22 जुलाई को नई शराब नीति को लेकर दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ CBI जांच की मांग की थी। सक्सेना ने केजरीवाल सरकार के मंत्री सिसोदिया पर नियमों को नजरअंदाज कर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए थे। वहीं BJP ने केजरीवाल सरकार पर नए टेंडर के बाद गलत तरीके से शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ माफ करने के आरोप लगाए थे।
1 अगस्त से लागू की गई थी शराब नीति
डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने 1 अगस्त 2022 को ऐलान किया था कि पुरानी शराब नीति लागू होगी। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा- केंद्र सरकार ने इस पॉलिसी में CBI की एंट्री करा दी, जिससे कोई भी ठेका लेने के लिए तैयार नहीं है। इसलिए हम नई व्यवस्था लागू नहीं करेंगे।
डिप्टी CM ने कहा था कि नई एक्साइज पॉलिसी से भाजपा का भ्रष्टाचार खत्म हो जाता और साल में 9,500 करोड़ का राजस्व आता। वर्तमान में दिल्ली में 468 शराब दुकानें चल रही हैं। भाजपा का मकसद है कि दिल्ली में अवैध शराब बिके।
इस नई शराब नीति के तहत दिल्ली सरकार ने ये 5 प्रमुख फैसले लिए…
- पूरी दिल्ली को 32 जोन में बांटकर हर जोन में 27 लिकर वेंडर रखने की बात कही गई।
- इसमें फैसला किया गया कि दिल्ली सरकार अब शराब बेचने का काम नहीं करेगी।
- अब दिल्ली में शराब बेचने के लिए सिर्फ प्राइवेट दुकानें होंगी।
- हर वार्ड में 2 से 3 वेंडर को शराब बेचने की अनुमति दी जाएगी।
- शराब दुकानों के लिए लाइसेंस देने की प्रोसेस को आसान और फ्लेक्सिबल बनाया जाएगा।
नई शराब नीति पर इन 4 नियमों को तोड़ने के आरोप लगे हैं…
- GNCTD अधिनियम 1991
- व्यापार नियमों के लेनदेन (TOBR)-1993
- दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009
- दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम-2010
इसी वजह से मुख्य सचिव ने आबकारी विभाग से जवाब भी मांगा था। जब 8 जुलाई को इस संबंध में उपराज्यपाल को फाइल भेजी गई तब जाकर इस मामले पर बवाल मचाना शुरू हुआ।