भारतीय सेना के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब दो क्लासमेट, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और एडमिरल दिनेश त्रिपाठी, भारतीय सेना और नौसेना के प्रमुख होंगे।
ANI की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश के सैनिक स्कूल रीवा से आने वाले, नेवी चीफ एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी 1970 के दशक की शुरुआत में 5वीं क्लास में एक साथ पढ़ते थे।
उनका रोल नंबर भी आसपास था। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी का रोल नंबर 931 और एडमिरल त्रिपाठी का 938 था। स्कूल के दिनों से ही दोनों काफी अच्छे दोस्त रहे हैं। अलग फोर्स में होने के बावजूद वे हमेशा संपर्क में रहते हैं।
दोनों ही अफसरों को नजदीक से जानने वाले एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि सेना में सीनियर लीडरशिप के बीच नजदीकी सेनाओं के बीच कामकाजी संबंधों को मजबूत रखने में सहायक होती है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ए भारत भूषण बाबू ने एक सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, ‘दो प्रतिभाशाली छात्रों को प्रशिक्षित करने का यह दुर्लभ सम्मान, जो 50 साल बाद अपनी-अपनी सेनाओं का नेतृत्व करेंगे, मध्य प्रदेश के रीवा के सैनिक स्कूल को जाता है।’
दोनों सहपाठियों की नियुक्तियां भी लगभग दो महीने के अंतर पर एक ही समय में हुई हैं। एडमिरल त्रिपाठी ने 1 मई को भारतीय नौसेना की कमान संभाली थी, जबकि लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी रविवार 30 जून को नया पदभार ग्रहण करेंगे।
जनरल मनोज पांडे की जगह लेंगे
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी, जनरल मनोज पांडे की जगह लेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी 30वें सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालेंगे। इससे पहले वे सेना के वाइस चीफ, नॉर्दर्न आर्मी कमांडर, DG इन्फेंट्री और सेना में कई अन्य कमांड के प्रमुख के रूप में देश की सेवा कर चुके हैं। वे चीन के साथ विवादित सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए चल रही बातचीत में भी शामिल थे।
सेना में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर काम करते रहे हैं लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी
टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को लेकर उत्साही होने के नाते, लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने नॉर्दर्न कमांड में सभी रैंकों की टेक्निकल बाउंड्रीज को बढ़ाने की दिशा में काम किया। उन्होंने बिग डेटा एनालिटिक्स, AI, क्वांटम और ब्लॉकचेन-बेस्ड समाधानों जैसी महत्वपूर्ण और उभरती हुई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दिया।
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के विदेशों में भी तैनात रहे
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के दो विदेशी कार्यकाल के दौरान सोमालिया हेडक्वॉर्टर UNOSOM II का हिस्सा रहे। साथ ही सेशेल्स सरकार के सैन्य सलाहकार के रूप में काम किया। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और AWC, महू में हाईकमांड सिलेबस में भी भाग लिया।
उन्हें USAWC, कार्लिस्ले, USA में विशिष्ट फेलो से सम्मानित किया गया था। उनके पास डिफेंस एंड मैनेजमेंट स्टडीज में MPhil की डिग्री है। इसके अलावा मिलिट्री साइंस में दो मास्टर डिग्री हैं, जिनमें से एक USAWC USA से है।

