दिल्ली में केजरीवाल सरकार की ओर से चलाए जा रहे मोहल्ला क्लीनिक में फर्जीवाड़े के आरोपों की CBI जांच का उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने आदेश दे दिया है। राज निवास की ओर से गुरुवार को यह जानकारी दी गई।
स्वास्थ्य विभाग की जांच में सामने आया है कि यहां ऐसे मरीजों को लैब टेस्ट कराए जा रहे थे जो वास्तव में थे ही नहीं। इन्हें ‘घोस्ट पेशेंट’ कहा जाता है। ऐसा प्राइवेट लैब को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा था।
इसे लेकर भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) ने दारू के बाद दवा घोटाला किया है। क्या इन मोहल्ला क्लिनिक में CCTV कैमरा थे? अगर थे, तो एक दिन में यहां 500 पेशेंट के आने का फुटेज भी होगा।
पिछले महीने ही राज्यपाल ने दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में नकली दवाएं होने के आरोप पर चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को जांच का निर्देश दिया था। 23 दिसंबर को लिखे पत्र में उन्होंने मामले की जांच CBI कराने को कहा था।
एजेंसी की खबर के मुताबिक, एक सूत्र ने बताया कि पिछले साल यह पता चला था कि डॉक्टर पहले से रिकॉर्डेड वीडियो के जरिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस लगा देते थे और क्लिनिक आते ही नहीं थे। यह भी पता चला था कि उनकी गैर-मौजूदगी में भी टेस्ट और दवाएं प्रिस्क्राइब की जा रही थीं। बाद में पता चला कि ये टेस्ट नकली पेशेंट्स पर किए जा रहे थे।
इसके बाद दो लैब सर्विस प्रोवाइडर्स से दिल्ली के सात मोहल्ला क्लिनिक का जुलाई, 2023 से सितंबर, 2023 के बीच लैब टेस्टिंग डेटा का सैंपल लेकर जांच की गई। पिछले साल सितंबर में इन डॉक्टरों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी और उन्हें मोहल्ला क्लिनिक के डॉक्टरों की लिस्ट से बाहर कर दिया गया था।

