नई दिल्ली में जारी G20 समिट के पहले दिन ही साझा घोषणा पत्र पर सहमति बन गई है। शनिवार को दूसरे सेशन की शुरुआत में PM मोदी ने बतौर अध्यक्ष सभी सदस्य देशों की सहमति से नई दिल्ली डिक्लेरेशन पारित कर दिया।
डिक्लेरेशन पास होने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सभी देशों ने नई दिल्ली घोषणा पत्र मंजूर किया है। सभी लीडर्स ने माना है कि G20 राजनीतिक मुद्दों को डिस्कस करने का प्लेटफॉर्म नहीं है। लिहाजा अर्थव्यवस्था से जुड़े अहम मुद्दों को डिस्कस किया गया है। हालांकि इस घोषणा पत्र में यूक्रेन जंग का 4 बार जिक्र हुआ है।
साझा घोषणा पत्र पर सभी देशों की सहमति इसलिए खास है, क्योंकि नवंबर 2022 में इंडोनेशिया समिट में जारी घोषणा पत्र में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर सदस्य देशों के बीच सहमति नहीं बन पाई थी। तब रूस और चीन ने अपने आप काे युद्ध के बारे में की गई टिप्पणियों से अलग कर लिया था। तब घोषणा पत्र के साथ ही इन देशों की लिखित असहमति शामिल की गई थी।
37 पेज का घोषणा पत्र, इसमें कुल 83 पैराग्राफ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमें चुनौतीपूर्ण समय में अध्यक्षता मिली। G20 का साझा घोषणा पत्र कुल 37 पेज का है। इसमें कुल 83 पैराग्राफ हैं। इसे ही नई दिल्ली डिक्लेरेशन कहा गया है।

