ग्वालियर/ अतुल्य लोकतंत्र : गोपाल किरन समाजसेवी संस्था के अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह निमराजे के नेतृत्व में गोपाल किरण समाज सेवा संस्था ग्वालियर द्वारा छठवां ग्लोबल कॉन्क्लेव और डॉ. भीमराव आंबेडकर अचीवर्स अवार्ड का आयोजन अहमदाबाद मैनेजमेंट एसोसियशन के सभागृह में आयोजित किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के बाद अतिथियों के स्वागत के साथ शुरू हुई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उदयपुर से श्री कैलाश चन्द्र मीणा (DFO) जी पधारे, जो कि संस्था के संरक्षक भी है वह विशेष रूप से इस कार्यक्रम मे अपनी धर्मपत्नी श्रीमती संतोष मीणा जी के साथ उपस्थित हुए उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें निष्ठापूर्वक अपने कार्यो को करना चाहिए ताकि एक नई शुरुआत हो सके, सदैव सकारात्मक सोच रखें। संविधान दिवस का महत्व समझाते हुये कहा कि समता,स्वतंत्रता बंधुत्व ,न्याय पर आधारित भारतीय समाज बनाये जाने के लिए संविधान को पवित्र ग्रंथ मानकर उस पर लोगों को चलना होंगा। कार्यक्रम के प्रारंभ में भारतीय संविधान की उद्देशिका का वाचन कराया। देश के चुनिंदा शिक्षको, साहित्यकारों, समाजसेवी, आदि को सम्मानित किया गया। देश को विकसित राष्ट्र बनाना है तो ऐसे नवरत्नों की जरूरत होगी। कार्यक्रम के दौरान सभी को डॉ. बी. आर. अंबेडकर ग्लोबल अचीवर्स अवार्ड से नवाजा गया। मीणा ने आगे कहा है कोइ भी शहर, राज्य या देश उस क्षेत्र की विभूतियों व क्षमतावान नवरत्नों के योगदान व आधार पर ही महान बनता है और उनकी मेहनत ओर क्षमता की आधार पर ही वे सम्मान के अधिकारी बनते है। आज जिनको सम्मान मिल रहा वे देश के हीरो व हीरे हैं। गोपाल किरन संस्था ने इसकी शुरुआत वर्ष 2018 मैं की थी ।
भारतीय संविधान की अनुपालना एवं निष्ठापूर्ण समर्पण करने की प्रतिज्ञा ली गई। डा. बाबासाहब अम्बेडकर जी ने 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में संविधान बनाकर आज के ही दिन 26 नवम्बर 1949 को देश को सौपा था। गृह मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली से पधारे ओमप्रकाश अहिरवार ने देश के नागरिंकों से अपील की है कि अपने अधिकारों की जानकारी प्राप्त करने संविधान को अपने घर जगह देनी होगी। कटक उड़ीसा से पधारे डॉ. मोहम्मद ओसामा ने कहा संविधान में प्राप्त अधिकारों से लोगों को न्याय की उम्मीद बनी रहती है। संविधान अच्छा नही होता तो देश में अराजकता फैल गई होती। उन्होंने जीवन जीने के मूल मंत्र पर चर्चा की। उन्होंने तीन मूलमंत्र भी बताए कि हमें स्वंय को पहचानना होगा।स्वयं को स्वीकार करना होगा और दूसरो को भी बिना शर्त स्वीकार करना होगा। जिससे हम सब स्वस्थ्य रहे । वरिष्ठ समाजसेवी संतोष मीणा उदयपुर ने कहा कि आज तक मेने गोपाल किरन संस्था के बारे मैं केवल सुना तथा आज जानने का अवसर मिला है। जिन महिलाओं को रोजगार के अवसर नहीँ है उनके लिए आगे आना होगा। महिलाओं के विकास मैं डॉ. अम्बेडकर का महत्वपूर्ण योगदान है।हम समता, समानता, बंधुत्व,समता आधारित न्याय समाज मे स्थापित कर देश क़ो एक सूत्र मे बंधे ।
अहमदाबाद साहित्य अकादमी के डॉ. सुनील कुमार जैन ने सभी नवाचारी शिक्षकों को आभार व्यक्त किया जिन्होने समाज के हित मे कार्य किया। और संविधान कैसा बनाया गया इस पर भी प्रकाश डाला। लोक शिक्षण संचलानलय भोपाल के विषय विशेषज्ञ डॉ वी.के. सिह चौरसिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षा एक ऐसा मंन्त्र है जो समाज के अन्धकार को दूर करता है। शिक्षक राष्ट्र निर्माता है। हम सबको सविधान के दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य करना चाहिए ।
कार्यक्रम के आयोजक व गोपाल किरन समाजसेवी संस्था अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह निमराजे ने संस्था के कार्य व उद्देश्य पर चर्चा करते हुए कहा कि देश की आम जनता को संविधान के अधिकार के प्रति जागृत करना देश के शासक की नैतिक जिम्मेदारी एवं कर्तव्य होता है, क्योंकि हर देश का संविधान अपने देश को संचालित करने वाला कानून तथा मानवीय मूल्य का प्रतीक होता हे। आम जनता का जीने का फरमान तथा देश की पहचान होता है। लेकिन शासन ने आज तक इस विषय पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया है जो होना चाहिए और ना ही किसी प्रकार का सविधान जागृति के लिए शासकीय उपक्रम बनाकर चलाने का प्रयास किया है। इसके कारण आम जनता सविधान एवं सविधान के मूलभूत अधिकार के जागरुकता के प्रति जो जागृति होनी चाहिए उससे वंचित रहा, जिसके कारण झूठे आडंबर अंधश्रद्धा सामाजिक एवं मानसिक गुलामी से मुक्त नही हो पाए संविधान जन जागरण अभियान चलाने का उद्देश्य है।कि आम जनता को संविधान के अधिकार के प्रति जागरूक करना संविधान का अर्थ क्या है ? संविधान के मूलभूत अधिकार क्या है ? संविधान ने हमें क्या दिया? संविधान का हमारे जीवन में महत्व क्या और संविधान के प्रति हमारे कर्तव्य क्या है ? जब तक आम जनता को समझाएंगे नहीं ,आम जनता को समझ में नही आयेगा ।
उक्त एक दिवसीय राष्ट्रीय परिचर्चा कार्यक्रम में पूरे देश से 17 जनपदों और 18 प्रान्तों से 100 से अधिक बहु-प्रतिभाशाली शिक्षकों, समाजसेवको एवं साहित्यकारों को शिक्षा, साहित्य,कला, संस्कृति, आजीविका, प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित नवाचार करने वाले विभूतियों का “ग्लोबल कॉन्क्लेव और डॉ. भीमराव आंबेडकर अचीवर्स अवार्ड-2022” से सम्मानित किया गया