गुजरात के जूनागढ़ शहर से लगभग 50 किलोमीटर दूर शोभावदला गांव के खोडियार आश्रम में एक 15 साल के नाबालिग ने अपने भाई और प्रेग्नेंट भाभी की बेरहमी से हत्या कर दी। भाभी की हत्या से पहले उसने रेप भी किया था।
आरोपी ने महिला के पेट पर इतनी जोर से लात मारी कि उसका 6 महीने का बच्चा गर्भ से बाहर निकल गया। घटना 16 अक्टूबर को हुई, लेकिन इसका खुलासा 31 अक्टूबर, शुक्रवार को हुआ। आरोपी ने भाई-भाभी के शवों को नग्न कर घर में दफना दिया था।
उसने दोनों के कपड़ों में आग लगा दी और खून के धब्बे साफ कर दिए थे। उसकी मां ने बड़े बेटे और बहू का शव घर में दफनाने में उसकी मदद की थी। 31 अक्टूबर को पुलिस आश्रम गई। आश्रम के पीछे घर से पति-पत्नी और एक नवजात का शव सड़ी-गली अवस्था में बाहर निकाला।
पुलिस ने नाबालिग आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया। मृतकों की पहचान शिवमगिरी (22 साल) और उसकी पत्नी, कंचन कुमारी (19) के रूप में की गई। शिवमगिरी इलेक्ट्रीशियन का काम करता था। आरोपी आश्रम की देखभाल और गोशाला में गायों की सेवा करता था।
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि उसे शराब की लत थी। इसके कारण घर में अक्सर लड़ाई-झगड़े होते थे। बड़ा भाई उसे बार-बार नशे की लत छोड़ने के लिए समझाता था, जिसके कारण आरोपी उससे नफरत करने लगा था।
बड़ा भाई आरोपी से उसके कमाए पैसे भी रख लेता था, जिसके चलते नाबालिग ने अपने भाई की हत्या करने का फैसला कर लिया। 16 अक्टूबर की सुबह जब बड़ा भाई सो रहा था। तभी आरोपी ने अपने उसके सिर पर लोहे के रॉड से हमला कर दिया।
उसे तब तक पीटा, जब तक वह मर नहीं गया। इसके बाद वह भाभी को मारने के लिए गया। पति के चिल्लाने पर उसकी पत्नी कंचन घर में देखने गई, तो शिवम के सिर से खून बह रहा था। पत्नी को लगा कि देवर उसे भी मार देगा, तो वह वह खुद को छोड़ने के लिए विनती करने लगी।
इसके बाद आरोपी ने उसका रेप किया। फिर उसके पेट पर घुटना रखकर उसका गला घोंट दिया। पुलिस ने बताया कि हमले के कारण महिला के गर्भ से भ्रूण भी बाहर आ गया था। इसके बाद आरोपी ने घर में पांच फुट गहरा गड्ढा खोदकर शवों को दफना दिया।
फिर उनके कपड़ों में आग लगा दी और खून के धब्बे साफ कर दिए। पुलिस के मुताबिक, कॉल डिटेल रिकॉर्ड से पता चला कि घटना के दिन लड़के की मां घटनास्थल के पास नहीं थी। हालांकि, उसने सबूत मिटाने में अपने बेटे की मदद की थी। पुलिस का मानना है कि अकेले नाबालिग के लिए इतना गरा गड्ढा खोदकर शवों को दफनाना संभव नहीं होता।

