नेपाल में मंगलवार को हुई हिंसा में प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के सबसे ऊंचे हिल्टन होटल में आग लगा दी थी। यह होटल पिछले साल जुलाई में बनकर तैयार हुआ था। इसमें 5 अरब भारतीय रुपए खर्च हुए थे।
हिल्टन काठमांडू का सबसे ऊंचा 5 स्टार होटल है, जिसे नेपाल के शंकर के ग्रुप ने बनवाया है। इसमें विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए आधुनिक सुविधाएं थीं। इस होटल ने नेपाल को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के नक्शे पर मजबूत पहचान दी थी।
प्रदर्शनकारियों ने सिंह दरबार, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति निवास समेत दर्जनों सरकारी-निजी इमारतों में आग लगा दी। ऐसा अनुमान है कि इससे नेपाल को अरबों की संपत्ति का नुकसान हुआ है।
सबसे ज्यादा नुकसान 9 सितंबर को हुआ, लेकिन सेना के सुरक्षा संभालने के बावजूद 10 सितंबर को भी कई जगहों से नुकसान की खबरें आती रहीं।
नेपाल इंश्योरेंस एसोसिएशन (NIA) के मुताबिक बीमा कंपनियों को लगभग 31 अरब भारतीय रुपए से अधिक के क्लेम का सामना करना पड़ सकता है। यह नुकसान 2015 में आए भूकंप से भी तीन गुना ज्यादा है।
बीमाकर्ता और बैंकर्स का मानना है कि यह नेपाल के लिए सबसे खराब दौर है। NIA और नेपाल राष्ट्र बैंक मिलकर नुकसान की जानकारी जुटा रहे हैं।
इमारतें जिन्हें हिंसक प्रदर्शन में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा
हिल्टन होटल के अलावा प्रदर्शनकारियों ने भाटभटेनी सुपरमार्केट, एनसेल, सीजी इलेक्ट्रॉनिक्स, ग्लोबल कॉलेज, उल्लेंस स्कूल, सुजुकी शोरूम और सेंट्रल बिजनेस पार्क जैसी कॉर्पोरेट इंडस्ट्री को आग के हवाले कर दिया गया था।
विराटनगर और इटहरी में वाहनों, राष्ट्रीय वाणिज्य बैंक, हिमालयन बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और ग्लोबल IME बैंक की शाखाओं में भी तोड़फोड़ की गई थी।
नेपाल में वित्त वर्ष 2024/25 में बीमा कंपनियों ने 26 अरब रुपए का प्रीमियम जुटाया था और 11 अरब रुपए के क्लेम चुकाए थे। मौजूदा हालात में बीमा कंपनियों को डर है कि उन्हें और भी बड़ा वित्तीय नुकसान हो सकता है।
बीमा कराने वालों को भी भारी आर्थिक नुकसान होने की आशंका है, क्योंकि ‘तोड़फोड़ और आतंकवाद’ पॉलिसियों पर मिलने वाला प्रीमियम बहुत कम है, जबकि ये दावे राजनीतिक हिंसा को कवर करते हैं।

