हिमाचल प्रदेश में मानसून ने 20 जून को एंट्री ली थी। बारिश से जुड़ी घटनाओं में राज्य में अब तक 69 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 26 मौतें एक्सीडेंट के कारण हुईं। एक दिन पहले 6 लोगों की जान गई थी। बीते 15 दिन में राज्य को लगभग ₹500 करोड़ का नुकसान हो चुका है।
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में लगातार बारिश के कारण अलकनंदा उफान पर है। इसके किनारे बने घर डूब गए हैं। वहीं, केदारनाथ यात्रा के पड़ाव गौरीकुंड में लैंडस्लाइड के बाद रूट ब्लॉक हो गया है। बद्रीनाथ हाईवे पर नंदप्रयाग और भनेरपानी के पास लैंडस्लाइड से रास्ता बंद हो गया था, उसे अब खोल दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने से बाढ़ का खतरा बढ़ने लगा है। इसको लेकर प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, मध्य प्रदेश में बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। इस वजह से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं।
ओडिशा में भी बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। बालासोर जिले में बाढ़ से हालात गंभीर बने हुए हैं। यहां सुबर्णरेखा नदी में आई बाढ़ के कारण 35 गांव अभी भी पानी में डूबे हुए हैं और बाकी इलाकों से कटे हुए हैं।
मौसम विभाग का कहना है कि मानसून इस वक्त पूरी तरह एक्टिव मोड में है। इसलिए महाराष्ट्र-राजस्थान समेत 13 राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
गृह मंत्री शाह ने 5 राज्यों के सीएम से बात की
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को तेज बारिश से प्रभावित हुए गुजरात, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों से बात की। शाह ने राज्य सरकारों को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया है।

