लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में बात बन गई है। यूपी में कांग्रेस 17 जबकि अखिलेश और अन्य 63 सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। सीट शेयरिंग का भी ऐलान हो गया है। कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और राजेंद्र चौधरी ने बुधवार शाम को संयुक्त प्रेस वार्ता की।
7 साल बाद सपा-कांग्रेस ने एक साथ मीडिया से बात की। इससे पहले साल 2017 में अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने एक साथ चुनाव लड़ने और शीट शेयरिंग की जानकारी दी थी।
सपा नेता राजेंद्र चौधरी ने कहा, लखनऊ में हम आपसे बात कर रहे हैं। लेकिन भारत को बचाने का संदेश पूरे देश में जा रहा है। यूपी में 80 लोकसभा सीटें हैं। अखिलेश यादव ने बार-बार कहा है कि 2014 में यूपी से ही भाजपा आई थी और 2024 में यहीं से भाजपा सत्ता से बाहर जायेगी।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने कहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी का आभार व्यक्त करता हूं। इस गठबंधन को लेकर देश बहुत समय से उम्मीद लगाए बैठा था।
कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा, प्रियंका गांधी ने इस गठबंधन को बनाने में अहम भूमिका अदा की है।
वहीं, अखिलेश यादव से जब इस बारे में सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि गठबंधन होगा, अंत भला तो सब भला।
कांग्रेस की तरफ से मुरादाबाद सीट की डिमांड ड्रॉप कर दी गई है। सपा ने भी वाराणसी से उम्मीदवार वापस लेने की बात कही है। कांग्रेस आलाकमान ने अखिलेश की दी हुई सीटों पर आखिर में सिर्फ दो बदलाव मांगे हैं।
पहला– हाथरस सपा को वापस दी जाए। सपा ने इसे मान लिया है।
दूसरा- बुलंदशहर या मथुरा में से एक सीट सपा ले और एक कांग्रेस। इसके अलावा कांग्रेस को श्रावस्ती सीट भी सपा दे। श्रावस्ती पर सपा ने विचार करने की बात कही है।

