एविशन सेक्टर के नए सुरक्षा नियमों की वजह से देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो लगातार तीसरे दिन क्रू की कमी से जूझ रही है। इससे इंडिगो के ऑपरेशन पर बुरा असर पड़ा है। न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, गुरुवार को दिल्ली, मुंबई सहित 10 से ज्यादा एयरपोर्ट में इंडिगो की 300 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं।
पुणे एयरपोर्ट पर एक पैसेंजर ने बताया कि आठ घंटे से ज्यादा का इंतजार करना पड़ रहा है। एयरपोर्ट के दोनों फ्लोर यात्रियों से भरे हैं। तीन पैसेंजर्स बेहोश भी हो गए। एयरलाइन की तरफ से फ्लाइट कैंसिलेशन का कोई मैसेज भी नहीं आ रहा है।
दिल्ली एयरपोर्ट पर आज इंडिगो की कुल 95 उड़ानें रद्द हुई हैं। इनमें 48 दिल्ली से जाने और 47 आने वाली घरेलू और इंटरनेशनल फ्लाइट्स थीं। वहीं मुंबई में 86, बेंगलुरु में 50, हैदराबाद में 70, जयपुर में 4 और इंदौर में 3 उड़ानें रद्द हुई हैं।
दरअसल, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने सभी एयरलाइंस के लिए 1 नवंबर से पायलटों और अन्य क्रू मेंबर्स के काम से जुड़े सुरक्षा नियमों में बदलाव किए हैं। इसका सबसे ज्यादा असर इंडिगो एयरलाइन पर पड़ा है। गुरुवार को इंडिगो के अधिकारी इस मामले पर DGCA से मुलाकात करने पहुंचे।
एयरलाइन दिन भर में लगभग 2,300 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें ऑपरेट करती है। यह संख्या एअर इंडिया के एक दिन में संचालित उड़ानों की लगभग दोगुनी है। इतने बड़े पैमाने पर यदि 10–20 प्रतिशत उड़ानें भी देर से चलें या रद्द हों, तो इसका मतलब होता है 200–400 उड़ानें प्रभावित होना। हजारों यात्रियों के लिए बड़ी मुश्किलें आना। बुधवार को भी इंडिगो की 200 से ज्यादा उड़ानों पर असर पड़ा था।
DGCA ने 1 नवंबर से पायलटों और अन्य क्रू मेंबर्स के काम से जुड़े नियमों में बदलाव किए हैं। इसे फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नाम दिया गया है। इन्हें दो चरणों में लागू किया गया। पहला चरण 1 जुलाई को लागू हुआ।
वहीं 1 नवंबर से दूसरा चरण लागू हुआ। नए नियमों में यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पायलटों और क्रू को पर्याप्त आराम देने पर जोर दिया गया है। इस कारण एयरलाइन कंपनियों के पास पायलटों और क्रू मेंबर्स की अचानक कमी पड़ गई है। DGCA ने बताया कि नवंबर में इंडिगो की कुल 1,232 उड़ानें कैंसिल की गईं, जिनमें FDTL नियमों के कारण 755 उड़ानें शामिल हैं।

