महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद और इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अजित पवार के सुर बदले नजर आ रहे हैं। पवार ने कहा कि लोकसभा चुनाव में पत्नी सुनेत्रा पवार को चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनाव लड़ाना गलती थी।
पवार ने 13 अगस्त को एक मराठी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा- मैं अपनी सभी बहनों से प्यार करता हूं। राजनीति को घर में घुसने नहीं देना चाहिए। बहन के खिलाफ सुनेत्रा को चुनाव लड़ाने का फैसला पार्टी संसदीय बोर्ड का था। अब मुझे लगता है कि यह गलत फैसला था।
रक्षाबंधन पर बहनों से राखी बंधवाने के सवाल पर अजित पवार ने कहा- अगर हम एक जगह पर रहे तो बहनों से मिलने जरूर जाऊंगा। वहीं अजित पवार के बयान पर बारामती सांसद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले कहा- मुझे नहीं पता उन्होंने क्या कहा।
अजित पवार ने बहन सुप्रिया सुले के अलावा चाचा शरद पवार की भी चर्चा की। अजित पवार ने कहा- शरद पवार सीनियर लीडर हैं और हमारे परिवार के मुखिया हैं। मैं उनकी किसी भी आलोचना का जवाब नहीं दूंगा। महायुति के सहयोगियों को भी समझना चाहिए कि वे चाचा शरद पवार पर क्या बोल रहे हैं।
शरद गुट बोला- भाजपा चाहती है कि अजित महायुति छोड़ें
NCP (शरदचंद्र पवार) के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने 17 जुलाई को दावा किया था कि भाजपा अजित पवार गुट से महाराष्ट्र में ‘महायुति’ गठबंधन छोड़ने को कह रही है। RSS से जुड़ी एक मराठी साप्ताहिक मैगजीन में छपी रिपोर्ट के हवाले से ये बयान दिया था।
क्रैस्टो ने कहा था कि भाजपा को एहसास हो गया है कि अजित पवार के साथ गठबंधन में पार्टी चुनाव नहीं जीत सकती है। साप्ताहिक मैग्जीन ‘विवेक’ की रिपोर्ट में कहा गया कि 2023 में NCP के साथ गठबंधन के बाद से ही जनता की भावनाएं भाजपा के खिलाफ तेजी से बढ़ी, जिसके कारण हाल में हुए लोकसभा चुनावों में पार्टी का खराब प्रदर्शन रहा और भाजपा चुनाव हार गई।
अजित की बगावत, पांचवी बार डिप्टी सीएम बने
अजित पवार 2 जुलाई 2023 को NCP के 8 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। उन्होंने अपने साथ NCP के 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। गठबंधन सरकार में अजित को डिप्टी CM बनाया गया।
अजित ने 5 जुलाई 2023 को शरद पवार को NCP राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने का ऐलान किया था। उन्होंने खुद को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया था। अजित का कहना था कि मुंबई में 30 जून 2023 को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला हुआ था।
चुनाव आयोग ने 6 फरवरी को कहा था कि अजित पवार गुट ही असली NCP है। आयोग ने कहा था विधायकों की संख्या के बहुमत ने अजित गुट को NCP का नाम और चुनाव चिह्न (एनालॉग घड़ी) हासिल करने में मदद की।
शिवसेना के भी हुए दो गुट, एकनाथ शिंदे बने महाराष्ट्र सीएम
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 2019 में विधानसभा चुनाव हुए थे। बीजेपी 106 विधायकों के साथ राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और बीजेपी गठबंधन में बात नहीं बन पाई थी।
इसके बाद 56 विधायकों वाली शिवसेना ने 44 विधायकों वाली कांग्रेस और 53 विधायकों वाली NCP के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी बनाकर सरकार बनाई और शिवसेना (अब शिवसेना UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने थे।
मई 2022 महाराष्ट्र सरकार में नगर विकास मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने 39 विधायकों के साथ बगावत कर दी थी। वह बीजेपी के साथ मिल गए और 30 जून 2022 को एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के 20वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी।
इसके साथ ही शिवसेना पार्टी दो गुटों में बंटी। एक धड़ा शिंदे गुट और दूसरा उद्धव गुट का बना। 17 फरवरी, 2023 को चुनाव आयोग ने आदेश दिया कि पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और पार्टी का चुनाव चिह्न ‘धनुष और तीर’ एकनाथ शिंदे गुट के पास रहेगा। शिवसेना (UBT) को ने ज्वलंत मशाल को अपना चुनाव चिन्ह बनाया है।

