जर्नलिस्ट सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस में दिल्ली कोर्ट ने 15 साल बाद शनिवार (25 नवंबर) को दोषियों को सजा सुनाई। साकेत कोर्ट ने कहा कि अपराध रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस की कैटेगरी में नहीं आता, इसलिए मौत की सजा की अपील खारिज की जाती है।
ट्रायल जस्टिस रविंद्र कुमार पांडे ने चार दोषियों को उम्रकैद की सजा दी है, जबकि पांचवें दोषी अजय सेठी को 3 साल जेल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उन पर 1.25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।इससे पहले 18 अक्टूबर को कोर्ट ने 5 आरोपियों रवि कपूर, अमित शुक्ला, अजय कुमार, अजय सेठी और बलजीत मलिक को दोषी करार दिया था। इन पर मकोका लगाया गया था।
ऑफिस से घर लौटते समय मारी गई थी गोली
25 साल की सौम्या विश्वनाथन हेडलाइंस टुडे की पत्रकार थीं। 30 सितंबर 2008 की सुबह दक्षिणी दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। वे ऑफिस से अपनी कार से घर आ रही थीं। पुलिस ने दावा किया था कि हत्या के पीछे का मकसद लूटपाट था। हत्या के पांचों दोषी मार्च 2009 से हिरासत में हैं।

