केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को लाइबेरियाई जहाज MSC अकीकेता 2 को जब्त करने का आदेश दिया। यह शिप लाइबेरियाई जहाज MSC एल्सा 3 का सहयोगी था, जो 25 मई को कोच्चि के तट पर डूब गया था। दोनों जहाज MSC मेडिटेरेनियन शिपिंग कंपनी के हैं।
MSC एल्सा 3 डूबने से हुए पर्यावरणीय और आर्थिक नुकसान पर केरल सरकार ने 9531 करोड़ रुपए के मुआवजे की याचिका लगाई थी। साथ ही सहयोगी जहाज (MSC अकीकेता 2) के भारत से बाहर जाने की आशंका जताते हुए जहाज जब्त करने की मांग की थी।
इस पर कोर्ट ने आदेश दिया कि शिपिंग कंपनी जब तक मुआवजे की रकम जमा नहीं कर देती तब तक MSC अकीकेता 2 को जब्त रखा जाए। मामला सुलझने तक जहाज भारत से बाहर नहीं जा सकेगा।
विझिनजाम पोर्ट को जहाज जब्त करने और उसकी सुरक्षा के निर्देश
केरल सरकार के मुताबिक जहाज डूबने के बाद निकले जहरीले पदार्थों की वजह से डॉल्फिन और व्हेल समेत कई समुद्री जीवों की मौत हुई। इस पर सरकार ने एडमिरल्टी (समुद्री दावों का अधिकार क्षेत्र और निपटान) एक्ट की धारा 4 के तहत मुआवजे की मांग की।
इसमें पॉल्यूशन के लिए ₹8626 करोड़, पर्यावरण के लिए ₹378.48 करोड़ और मछुआरों को हुए ₹526.51 करोड़ का नुकसान शामिल है। ब्याज समेत मुआवजे की पूरी राशि ₹9,531.11 करोड़ है।
कोर्ट ने अडानी विझिनजाम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड को जहाज जब्त करने और उसकी सुरक्षा के निर्देश दिए। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि यह आदेश माल की लोडिंग या अनलोडिंग में दखल नहीं करेगा। मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी।

