नरेंद्र मोदी आज तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। शाम 7:15 बजे राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन होगा। इस समारोह में शामिल होने के लिए भारत ने 7 देशों के लीडर्स को न्योता दिया है।
शपथ ग्रहण के लिए मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। रविवार सुबह इंडिया आउट कैंपेन चलाने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पहली बार भारत पहुंचे। उनके ठीक बाद मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनॉथ भी दिल्ली आए।
दोपहर करीब 12 बजे भूटान के PM दाशो शेरिंग तोबगे और फिर श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे। वहीं नेपाल के PM प्रचंड भी भारत आ चुके हैं। दूसरी तरफ, बांग्लादेश की PM शेख हसीना और सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ एक दिन पहले शनिवार 8 जून दोपहर में ही भारत आ गए थे।
नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी के तहत पड़ोसी देशों के लीडर्स को न्योता
भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ पॉलिसी और ‘सागर विजन’ के तहत इन देशों को समारोह में बुलाया गया है। विदेशी मेहमानों के ठहरने की व्यवस्था दिल्ली के सबसे बड़े होटलों में की गई है। इनमें ITC मौर्या, ताज होटल, ओबेरॉय, क्लैरिजेस और लीला होटल शामिल हैं। इनकी सुरक्षा के लिए पैरामिलिट्री और दिल्ली आर्म्ड पुलिस (DAP) के 2500 जवानों को तैनात किया गया है।
एयरपोर्ट से होटल और शपथ ग्रहण के वेन्यू तक ड्रोन्स से होगी निगरानी
इसके अलावा इलाके में स्नाइपर और पुलिसबल भी मौजूद रहेगा। विदेशी लीडर्स के एयरपोर्ट से होटल और वेन्यू तक के रास्ते की ड्रोन्स के जरिए निगरानी की जाएगी। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना इस कार्यक्रम के लिए शनिवार को ही भारत पहुंच गई थीं। हालांकि, सभी विदेशी महमानों में सबसे ज्यादा नजर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के दौरे पर रहेगी।
शनिवार को शपथ ग्रहण समारोह का आमंत्रण स्वीकार करते हुए मुइज्जू ने कहा था, “इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होना मेरे लिए सम्मान की बात है। मैं PM मोदी के साथ मिलकर मालदीव-भारत के रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए काम करता रहूंगा।”
मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से भारत-मालदीव में तनाव
दरअसल, पिछले साल नवंबर में मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से मालदीव और भारत के बीच तनाव रहा है। अपने चुनाव कैंपेन के दौरान भारत के 88 सैनिकों को मालदीव से निकालने के लिए मुइज्जू ने ‘इंडिया आउट’ का नारा दिया था। राष्ट्रपति बनने के बाद वे सबसे चीन के दौरे पर गए, जबकि आमतौर पर मालदीव के प्रेसिडेंट पद संभालने के बाद पहले भारत की यात्रा करते हैं।
इस बीच मालदीव के मंत्रियों ने PM मोदी की लक्षद्वीप यात्रा पर विवादित बयान भी दिया। मुइज्जू के नेतृत्व में मालदीव ने भारतीय सैनिकों को देश से निकालने के अलावा भारत के साथ हाइड्रोग्राफिक सर्वे प्रोजेक्ट भी खत्म कर दिया।

