पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस शुक्रवार को मालदा पहुंचे हैं। इसके बाद ट्रेन से मुर्शिदाबाद जाएंगे। यहां अगले 2 दिन राज्यपाल हिंसा प्रभावित इलाकों और शरणार्थी शिविरों का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा- मैं जमीनी स्थिति का जायजा लूंगा। वहां जो कुछ भी हुआ चौंकाने वाला है। किसी भी कीमत पर शांति स्थापित होनी चाहिए।
बोस ने कहा कि वह पीड़ितों से मिलने के लिए जा रहे हैं और इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को देंगे। इससे पहले गुरुवार को CM ममता बनर्जी ने राज्यपाल से दौरा स्थगित करने का अनुरोध किया था। ममता ने कहा- मैं गैर-स्थानीय लोगों से अनुरोध करूंगी कि वे अभी मुर्शिदाबाद का दौरा न करें। राज्यपाल से कुछ और दिन प्रतीक्षा करने की अपील करूंगी।
उधर, विश्व हिंदू परिषद (VHP) हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रही है। वीएचपी कार्यकर्ता शनिवार को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेंगे। वीएचपी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि देश भर के हर जिला मुख्यालय में जिलाधिकारियों को ज्ञापन देकर मांग करेंगे कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने पर विचार करे।
17 अप्रैलः ममता सरकार ने हिंसा पर रिपोर्ट पेश की
जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस राजा बसु चौधरी की बेंच नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई की केंद्र की ओर से पेश हुए वकील ने संवेदनशीलता को देखते हुए मुर्शिदाबाद में सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) की तैनाती बढ़ाने की मांग रखी।
वहीं, ममता सरकार ने एक रिपोर्ट पेश की। इसमें ममता सरकार ने दावा किया कि हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में स्थिति अब नियंत्रण में हैं। कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (BJP), तृणमूल कांग्रेस (TMC) और अन्य सभी पक्षों को चेतावनी दी कि कोई भी भड़काऊ बयानबाजी न करे। कोर्ट ने कहा, “कृपया कोई भी भड़काऊ भाषण न दें। यह निर्देश सिर्फ किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि सभी के लिए है।”

