अमित शाह के बस्तर दौरे से पहले ही नक्सली शांति वार्ता करने के लिए तैयार हो गए हैं। नक्सलियों के केंद्रीय समिति के प्रवक्ता अभय ने एक पर्चा जारी किया है। अभय ने लिखा कि, पिछले 15 महीनों में उनके 400 साथी मारे गए हैं। अगर नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन रुकती है, तो हम शांति वार्ता के लिए तैयार हैं।
इस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार किसी भी प्रकार की सार्थक वार्ता के लिए तैयार है। बशर्ते इसके लिए कोई शर्त न हो। नक्सली वास्तव में मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं तो उन्हें वार्ता की शर्तों को सार्वजनिक रूप से स्पष्ट करना होगा।
शर्मा ने कहा कि वार्ता का स्वरूप ISIS जैसी किसी कट्टरपंथी विचारधारा की तर्ज पर नहीं हो सकता। अगर कोई चर्चा करना चाहता है, तो उसे भारतीय संविधान की मान्यता स्वीकार करनी होगी। संविधान को नकारते हैं और समानांतर व्यवस्था थोपने की कोशिश करते हैं, तो वार्ता का कोई औचित्य नहीं रहता।
जानिए और क्या-क्या लिखा है पर्चा में ?
दरअसल, नक्सली नेता अभय ने तेलगु भाषा में पर्चा जारी किया है। इसमें लिखा है कि, 24 मार्च को हैदराबाद में संगठन की एक बैठक हुई थी। जिसमें बिना किसी शर्त के शांति वार्ता के लिए आगे आने और बातचीत कर युद्धविराम की घोषणा करनी चाहिए इस पर बात हुई।
अभय ने लिखा है कि, छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने शांति वार्ता के लिए पहल की थी। जब हमारे दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य और माओवाद संगठन के प्रतिनिधि विकल्प ने शांति वार्ता के लिए अपनी शर्त रखी थी कि जवानों को कैंप तक ही रखा जाए।
पर्चे में लिखा है ऑपरेशन को बंद किया जाए, जिसके बाद बातचीत करेंगे। इन शर्तों का जवाब दिए बगैर लगातार ऑपरेशन चलाए गए। पिछले 15 महीने में हमारे 400 से अधिक नेता, कमांडर, PLGA के कई स्तर के लड़ाके मारे गए। सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया और उन्हें जेल में डाल दिया गया है।
अभय ने लिखा है कि, ऐसे में अब जनता के हित में हम सरकार से शांति वार्ता के लिए तैयार हैं। नक्सली लीडर अभय ने कहा कि, इस मौके पर हम केंद्र और राज्य सरकार के सामने शांति वार्ता के लिए सकारात्मक माहौल बनाने का प्रस्ताव रख रहे हैं।

