दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शनिवार (30 मार्च) को न्यूजपोर्टल न्यूजक्लिक के खिलाफ 8 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट में आरोप है कि न्यूजक्लिक को चीनी प्रोपेगैंडा फैलाने के लिए करोड़ों की विदेशी फंडिंग मिली। न्यूजक्लिक के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 (UAPA) के तहत केस दर्ज किया गया है।
स्पेशल सेल ने पटियाला हाउस कोर्ट में एडिशनल सेशन जज डॉ. हरदीप कौर की बेंच में चार्जशीट दायर की। मामले पर सुनवाई 16 अप्रैल को होगी। प्रबीर पुरकायस्थ मुख्य आरोपी हैं, जबकि अमित चक्रवर्ती को सरकारी गवाह बना दिया गया है।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को पिछले साल दिसंबर में चार्जशीट दाखिल करने की मोहलत दी थी। पुलिस को इस फरवरी 2024 में पहले दो महीने और फिर 20 दिन का एक्सटेंशन मिला।
न्यूजक्लिक ऑनलाइन न्यूज पोर्टल है, जिसमें देश-दुनिया की खबरें प्रकाशित होती हैं। इसे PPK न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी चलाती है। प्रबीर पुरकायस्थ ने 2009 में इसकी शुरुआत की थी। वही इसके एडिटर-इन-चीफ भी हैं।
2 अक्टूबर 2023 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सीनियर अफसरों ने एक मीटिंग की। अगले दिन यानी 3 अक्टूबर को सुबह 6 बजे दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और मुंबई में न्यूजक्लिक से जुड़े पत्रकारों और एक्टिविस्ट्स के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी।
ED सहित 5 एजेंसियां कर रहीं मामले की जांच
न्यूजक्लिक के खिलाफ ED सहित पांच एजेंसियां जांच कर रही हैं। सबसे पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने FIR दर्ज की थी। उससे पहले दिल्ली पुलिस इकोनॉमिक ऑफेंस विंग और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस केस से जुड़े अलग-अलग मामलों में जांच कर रही थे। इसके बाद CBI ने भी इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू की।
3 साल पहले FIR और फिर ED की छापेमारी से शुरू हुई कहानी
दिल्ली पुलिस ने अगस्त 2020 में न्यूजक्लिक के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि वेबसाइट को वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स LLC नाम की अमेरिकी कंपनी से 9.59 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) मिला। कहा गया कि जिस शेयर की कीमत 10 रुपए थी, उसे 11,510 रुपए प्रति शेयर की प्रीमियम कीमत पर खरीदा गया। वो भी उस वक्त, जब न्यूजक्लिक कोई मुनाफा नहीं कमा रही थी। माना जाता है कि ऐसा इसलिए किया गया, ताकि भारतीय मीडिया संस्थानों में 26% FDI की ऊपरी सीमा से बचा जा सके।
इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने न्यूजक्लिक के दफ्तर, इससे जुड़े निदेशकों और शेयरधारकों के ठिकानों की तलाशी ली। ये कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट यानी PMLA के तहत की गई थी। सर्च के दौरान विदेशी करेंसी, कुछ डॉक्यूमेंट्स और डिजिटल साक्ष्य सीज किए गए।
ED की इन्वेस्टिगेशन में न्यूजक्लिक को 3 साल में 38.05 करोड़ रुपए के विदेशी फंड मिलने की बात सामने आई। न्यूजक्लिक को 9.59 करोड़ रुपए FDI के जरिए और 28.46 करोड़ रुपए सर्विसेज के एक्सपोर्ट के तौर पर मिले थे।

