अरविंद केजरीवाल का कहना है कि इस बार लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार की हार होगी। उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में इसकी वजह बताई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एकजुट नहीं है। उन्होंने कांग्रेस के साथ अपनी दोस्ती के बारे में भी बात की। साथ ही पत्नी सुनीता केजरीवाल की राजनीतिक भूमिका पर सफाई दी।
केजरीवाल ने कहा, ‘भाजपा चाहती है कि मैं इस्तीफा दे दूं। मुझे जेल में डाला गया। यह सब मुझे CM पद छोड़ने के लिए मजबूर करने की साजिश है। वे चाहते हैं कि मेरी सरकार गिर जाए, लेकिन मैं उनके जाल में नहीं फंसूंगा। मैं इस्तीफा नहीं दूंगा।’ केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार महंगाई-बेरोजगारी मिटाने में नाकाम रही है।
सवाल: हम आपके घर पर बैठे हैं, जहां स्वाति मालीवाल के साथ कथित मार-पीट हुई। विपक्ष का कहना है कि अरविंद केजरीवाल को स्वाति मालीवाल पर अपना रुख साफ करना चाहिए। आप इस पर क्या कहना चाहेंगे?
जवाब: मामला कोर्ट में है और जांच जारी है। मैं जो भी कहूंगा उससे जांच पर असर पड़ सकता है. मैं कोई भी टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा। निष्पक्ष जांच होने दीजिए।
सवाल: आप कहते हैं कि आपको BJP में बगावत के बीज दिख रहे हैं। आप इस बात को कैसे उचित ठहराते हैं?
जवाब: जेपी नड्डा (भाजपा प्रमुख) ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें RSS की जरूरत नहीं है। क्या वसुंधरा राजे इस बात से खुश हैं कि उन्हें हटा दिया गया? शिवराज सिंह चौहान, रमन सिंह को हटा दिया गया है। क्या वे खुश हैं?
चुनाव एक युद्ध की तरह है। आपको अपने सैनिकों को सपोर्ट करने की जरूरत है न कि उन पर सत्ता थोपने की। वे आपके लिए दिल से काम नहीं कर रहे हैं।
मैंने कहा कि योगी जी को हटा दिया जाएगा और एक भी BJP नेता ने इस बयान का विरोध नहीं किया। ऐसे में वे एक टीम की तरह कैसे काम कर सकते हैं? उनके पास ताकत है, लेकिन उनकी पार्टी के लोग इसकी कद्र नहीं करते।
सवाल: आप कहते रहे हैं कि जीत आपकी होगी। आपको ऐसा क्यों लगता है। इस बार नतीजे कैसे अलग होंगे?
जवाब: इस बार चुनाव मोदी फैक्टर पर नहीं लड़ा जा रहा है। चुनावी मुद्दे लोकल फैक्टर से जुड़े हैं। ऐसे फैक्टर जो आम जिंदगी को प्रभावित करते हैं जैसे- महंगाई, बेरोजगारी। लोग अपना घर चलाने, अपनी फीस चुकाने, किराने का सामान खरीदने में असमर्थ हैं। लोग शिकायत कर रहे हैं कि उन्होंने मोदी जी को अपने किसी भी भाषण में इसका समाधान बताते या बेरोजगारी कैसे दूर करेंगे, इसके बारे में बात करते नहीं सुना।

